Pakistan News: पाकिस्तान ने सिंध में शिव अवतारी सतगुरु संत शादाराम साहिब की जयंती समारोह में हिस्सा लेने के लिए 94 भारतीय हिंदू अकीदतमंदों को वीजा जारी किए हैं. पाकिस्तानी उच्चायोग ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. ज़ियारत के लिए वीजा जारी करना 1974 में धार्मिक स्थलों की यात्रा पर पाकिस्तान-भारत समझौते का हिस्सा है.


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दूतावास ने एक बयान में बताया, “नयी दिल्ली में स्थित पाकिस्तान दूतावास ने 5 से 15 जनवरी 2025 तक सिंध के शादानी दरबार हयात पिताफी में शिव अवतारी सतगुरु संत शादाराम साहिब की 316वीं जयंती समारोह में हिस्सा लेने के लिए 94 भारतीय अकीदतमंदों को वीजा जारी किए हैं.” 


पाकिस्तानी दूतावास ने क्या कहा
इस अवसर पर भारत में पाकिस्तान दूतावास के प्रभारी साद अहमद वराइच ने अकीदतमंदों को 'संतोषजनक यात्रा' की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान धार्मिक स्थलों के संरक्षण के साथ-साथ अकीदतमंदों को जरूरी सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है.


शदानी दरबार क्या है?
शदानी दरबार पाकिस्तान के सिंध प्रांत के सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में से एक माना जाता है. इसकी स्थापना 1786 में संत सदाराम साहिब ने की थी. हर साल पूरे भारत से तीर्थयात्री संत सदाराम साहिब की जयंती मनाने के लिए इस मंदिर में आते हैं. 


पौराणिक कथाओं के मुताबिक, संत सदाराम साहिब को भगवान शिव का अवतार माना जाता है, उनका जन्म अक्टूबर 1708 में लाहौर में लोहाना खत्री परिवार में हुआ था. उन्हें भगवान राम के बेटे लव का वंशज भी माना जाता है. शदानी दरबार हिंदू समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है. यह दरबार न सिर्फ भारत और पाकिस्तान के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक संबंध का प्रतीक है, बल्कि भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए आध्यात्मिक यात्रा का केंद्र भी है.