Paper Leak Bill 2024: कॉम्पिटिटिव एग्जाम में कदाचार और अनियमितताओं से निपटने के लिए आज यानी 6 फरवरी को लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक 2024 पार्लियामेंट में पास हो गया है. इस विधेयक के तहत कदाचार और अनियमितता करने पर एक साल से लेकर 10 साल तक जेल और तीन से पांच लाख रुपये तक जुर्माना का प्रवधान हो सकता है. 


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केंद्रीय मंत्री ने क्या कहा?
बिल पेश करने के दौरान केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसके प्रावधान मेधावी स्टूडेंट्स और कैंडिडेट्स के हितों की रक्षा के लिए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार "संगठित अपराधों के बदले मेधावी (कैंडिडेट्स) को बलिदान नहीं होने देगी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्टूडेंट्स और कैंडिडेट्स इस विधेयक के दायरे में नहीं आते हैं और नौकरी के इच्छुक कैंडिडेट्स को कोई नुकसान नहीं होगा. 


पेपर लीक बना राष्ट्रीय मुद्दा
यह कदम राजस्थान में शिक्षक भर्ती परीक्षा, हरियाणा में ग्रुप-डी पदों के लिए सामान्य पात्रता एग्जाम (सीईटी), गुजरात में कनिष्ठ क्लर्कों के लिए भर्ती परीक्षा और बिहार में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा जैसी कई प्रतियोगी परीक्षाओं को रद्द किए जाने के बाद आया है. चुंकी इन राज्यों में लगातार प्रश्नपत्र लीक हुआ था. इस वजह से एग्जाम को रद्द करना पड़ा था. विधेयक में सार्वजनिक परीक्षाओं पर एक उच्च स्तरीय राष्ट्रीय तकनीकी समिति का भी प्रस्ताव है जो कम्प्यूटरीकृत परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए सिफारिशें करेगी. वहीं, पेपल लीक मामला राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा बन चुका है.


एग्जाम के दौरान कदाचार करने वालों की होगी ऐसे निगरानी
समिति डिजिटल प्लेटफार्मों को इन्सुलेट करने के लिए प्रोटोकॉल विकसित करने, फुलप्रूफ आईटी सुरक्षा प्रणाली विकसित करने के तरीके और साधन तैयार करने, परीक्षा केंद्रों की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी सुनिश्चित करने और ऐसी परीक्षाओं के संचालन के लिए तैनात किए जाने वाले आईटी और भौतिक बुनियादी ढांचे दोनों के लिए राष्ट्रीय मानकों और सेवाओं को तैयार करने पर विचार करेगी. कई बार देखा गया है कि कदाचार में शामिल संगठित समूह और माफिया तत्व सॉल्वर गिरोह तैनात करते हैं, प्रतिरूपण विधियों का उपयोग करते हैं और पेपर लीक मामले में शामिल होते हैं.