Photos: इसलिए राजपथ पर होती है गणतंत्र दिवस परेड, निकाली जाती हैं राज्यों की झाकियां

हर साल 26 जनवरी, यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर भारत के कई राज्यों की झाकियां निकाली जाती हैं. इस साल 2023 को भारत 47वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. गणतंत्र दिवस साल 1950 में भारत के संविधान के लागू होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. पिछले साल राजपथ का नाम बदल कर कर्तव्य पथ रख दिया गया था. आज हम आपको गणतंत्र दिवस से संबंधित कुछ खास बातें बताएंगे.

सिराज माही Tue, 24 Jan 2023-7:35 pm,
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Maharashtra

गणतंत्र दिवस की परेड में देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और दूसरी बड़ी हस्तियां शामिल होती हैं. इसमें कई दूसरे राष्ट्रों के नेताओं को भी बुलाया जाता है. यहां बड़ी तादाद में भीड़ भी होती है. 

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Laddakh

गणतंत्र दिवस परेड साल 1950 में संविधान लागू होने के साथ ही शुरू हुई. शुरूआत में यह परेड इरवि स्टेडियम, किंग्सवे, लाल किला और रामलीला मैदान में हुई थी. 

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Jammu and Kashmir

गणतंत्र दिवस परेड राष्ट्रपति के आने के साथ शुरु होती है. राष्ट्रपति अपनी कार से आते हैं. इस दौरान राष्ट्रपति तिरंगा फहराता है. वहां मौजूद सभी लोग तिरंगे को सलामी देते हैं. 

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UP

इसी दौरान 21 तोपों की सलामी दी जाती है. दरअसल 7 तोपों से 3-3 राउंड फायर की जाती है. यह तोपें 1941 में बनी थीं. 

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Karnataka

साल 1955 में गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन राजपथ पर शुरू हुआ. उस वक्त राजपथ का नाम 'किंग्सवे' था. पीएम मोदी ने पिछले साल 8 सितंबर को कर्तव्य पथ का उद्घाटन किया था. तब से इसका नाम बदल गया है.

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Haryana

भारत सरकार हर साल किसी न किसी देश के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री को मेहमान के तौर पर बुलाती है. सबसे पहले गणतंत्र दिवस के मौके पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति डॉ. सुकर्णों खास मेहमान बने थे.

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