नई दिल्ली: सऊदी अरब सरकार ने पाक शहर मक्का में मौजूद काबा में लगे काले पत्थर की हैरान कर देने वाली तस्वीरें जारी की हैं. इस पत्थर को हजरे अस्वद (Hajre Aswad) भी कहा जाता है. एक खबर के मुताबिक शाही मस्जिद की जानिब से खींची जानी वाली इन तस्वीरों को खींचने में करीब 50 घंटे का वक्त लगा है. इस दौरान 1000 से भी ज्यादा तस्वीरें खींची गईं. 


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ऐसा पहली बार है जब इस पत्थर की तस्वीरों को इतने बड़े पैमाने पर डिजिटल पेश किया गया. NBT की एक खबर के मुताबिक यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्‍सफोर्ड के इस्‍लामिक अध्‍ययन मामलों के शोधकर्ता (मुहक्किक) अफीफी अल अकीती ने कहा कि तस्वीरों को देखकर लग रहा है कि यह हकीकत में काला नहीं है. 



बता दें कि यह पत्थर काबा के पूर्वी हिस्से में लगा है. हज या उमरा के सफर पर जाने वाले आजमीन काबा का तवाफ (परिक्रमा) करते हैं और इस पत्थर का बोसा (चूमते) लेते हैं. चारों जानिब से चांदी के फ्रेम में जड़े इस पत्थर की बहुत अहमियत बताई जाती है. इस पत्थर को हजरे अस्वद कहा जाता है. जो अरबी भाषा के दो शब्दों से मिलकर बना है. अरबी में हजर का मतलब पत्थर होता है. वहीं अस्वद का मतलब सियाह (काला) होता है. 


क्या कहती है इस्लामी तारीख
इस पत्थर की तारीख के बारे में बात करें तो कहा जाता है कि हजरत इब्राहीम और उनके बेटे हजरत इस्माईल जब काबा की तामीर कर रहे थे तो हजरत जिब्राईल ने यह पत्थर जन्नत से लाकर दिया था. जिसे हज़र इब्राहीम ने अपने हाथों से काबा की दीवार में लगाया था. 


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