PM, मंत्रियों को विदेश यात्राओं पर मिलते हैं ऐसे-ऐसे तोहफे; जानिए, उन उपहारों पर होता है किसका हक ?
प्रधानमंत्री मोदी को पिछले एक साल में मिले 30 से ज्यादा यादगार तोहफे, जिसकी कीमत लाखों में हैं और उन्हें विदेश मंत्रालय के तोशाखाना विभाग में जमा कर दिया गया है.
नई दिल्लीः एक दूसरे से प्रेम का इजहार करने या फिर सम्मान और याद में आपने जरूर किसी न किसी को कोई तोहफा दिया होगा, या फिर आपको किसी ने तोहफे दिए होंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं, देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जैसे राष्ट्रअध्यक्ष जब किसी दूसरे देश जाते हैं, तो उन्हें तोहफे में क्या मिलता होगा? पिछले एक साल के दौरान विदेश यात्राओं के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई यादगार तोहफे मिले हैं.
उपहार में मिलती है ऐसी-ऐसी चीजें
विदेश मंत्रालय के तोशाखाना विभाग के ब्योरे के मुताबिक, अप्रैल 2021 से अप्रैल 2022 के बीच प्रधानमंत्री मोदी को विदेश यात्राओं के दौरान और दीगर माध्यमों से 30 से ज्यादा तोहफे मिले हैं, जिसकी कीमत 15 लाख 65 हजार रुपये मूल्य के आसपास है. इन उपहारों में धूपदानी, भगवान गणेश की मूर्तियां, महात्मा बुद्ध से जुड़े प्रतीक चिह्न, कंबल, दरी, स्वेटर, टोपी, गुलाब जल, गुलदान, लकड़ी के बक्से जैसी वस्तुएं शामिल हैं. तोशाखाना विभाग के मुताबिक, मोदी को शीशे का कटोरा, कलम, ऑस्ट्रेलिया की विशिष्ट अकुर्बा टोपी, लकड़ी का बना कप, जैतून का तेल, स्टील का जग, और ‘इंडिपेंडेंस-आवर हैप्पीनेस’ नामक पुस्तक भी भेंट में मिली है.
इन लोगों को भी तोहफे में मिले हैं ये सामान
तोशाखाना विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, विदेश सचिव रहे हर्षवर्द्धन श्रृंगला को करीब 80 हजार रुपये मूल्य के तोहफे मिले हैं. प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) रहे बिपिन रावत को तोहफे के तौर पर पेंटिंग, टी सेट, साज सज्जा के सामान आदि मिले हैं. वहीं, सेना प्रमुख रहे मनोज मुकुंद नरवणे को कई तरह के उपहारों के साथ 2 लाख रुपये मूल्य की एक तलवार मिली है. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को क्रॉकरी सेट, पत्थर से बनी मूर्ति, घड़ी के अलावा लेडीज स्टोल आदि तोहफे में मिले हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को हस्तनिर्मित सामग्री, स्मारिका, कॉफी सेट आदि भेंट में मिले हैं.
कितने महंगे होते हैं तोहफे ?
प्रधानमंत्री को मिले तोहफे में सबसे कीमती उपहार लकड़ी, चांदी और सोने से निर्मित शतरंज का सेट शामिल है, जिसकी कीमत पांच लाख रुपए है. उन्हें बर्तनों के चार सेट भी तोहफे में मिले, जिसकी कीमत 4.5 लाख रुपए है. वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर को विदेशों से एक साल में 5.84 लाख रुपए कीमत के 51 तोहफे मिले हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को 47,900 रुपये मूल्य के 8 तोहफे मिले, जिसमें एक छोटी पिस्तौल और छह कारतूस और चिवास रीगल स्कॉच व्हिस्की शामिल है.
किसका होता है उपहार में मिला सामान
इस अवधि में प्रधानमंत्री मोदी ने डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन, अमेरिका, बांग्लादेश जैसे देशों का दौरा किया था. इन तोहफों हालांकि नियम के मुताबिक, विदेश मंत्रालय के तोशाखाना में जमा कर दिया जाता है. उल्लेखनीय है कि विदेशी अभिदाय विनियमन अधिनियम 2010 के मुताबिक, जब किसी भारतीय प्रतिनिधिमंडल के किसी सदस्य को दान या उपहार के जरिए विदेशी अभिदाय या तोहफा मिलता है, तो उसे ऐसे दान या भेंट मिलने के तीस दिन की अवधि के अंदर संबंधित मंत्रालय या विभाग को सौंपना होता है. अगर ऐसे दान या उपहार की अनुमानित कीमत पांच हजार रुपये से ज्यादा होता है, तो इन्हें विदेश मंत्रालय के तोशाखाना में भेज दिया जाता है.
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