PM Modi on Muslims: साल 2023 और 2024 सियासी पार्टियों के लिए बेहद अहम है. क्योंकि 2023 में 9 राज्यों में और 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में पार्टियां चुनावों की तैयारी में जुट गई हैं. देश की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दिल्ली मीटिंग में अपनी चुनावी रणनीति को लेकर अहम मीटिंग की. मीटिंग के दूसरे दिन पीएम मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं को सख्त निर्देश दिए हैं. साथ ही मुसलमानों को लेकर बड़ी बात कही है. 


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पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कार्यकर्ताओं से कहा कि मुस्लिम समुदाये के बारे में गलत बयानबाजी ना करें. बल्कि देशभर में मुसलमानों के पास जाएं और उनसे बात करें. पीएम मोदी ने वोरा और पसमांदा मुसलमानों से खास तौर पर बातचीत करने के लिए कहा है. पीएम मोदी ने कहा कि कोई वोट दे या ना दे लेकिन उससे जरूर मिलें. पीएम मोदी ने इशारों-इशारों में बड़ी बोलते हुए कहा कि कई नेताओं को मर्यादित भाषा बोलने की जरूरत है. इतना ही पीएम मोदी ने फिल्मों के अनावश्यक विरोध को लेकर भी सख्त हुए हैं. 


अब ऐसे में आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि आखिर भारतीय जनता पार्टी इतने बड़े पैमाने पर मुसलमानों पर क्यों ध्यान देना चाहती है. इसके पीछे की वजह क्या है. तो इसकी सीधी वजह तो वोट ही है. क्योंकि भारतीय जनता पार्टी को हर चुनाव में मुसलमानों के वोटों की तादाद में पिछले चुनाव से ज्यादा मिलती है. ऐसे में पीएम मोदी ये चाहते होंगे कि वो मुस्लिम तबका जो उनको वोट दे रहा है और बढ़-चढ़कर उनकी पार्टी समर्थन करे. इसीलिए उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं से मुसलमानों के बारे में गलत बयानबाजी करने को मना किया है. 


एक खबर के मुताबिक साल 2009 से लेकर अब तक हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के मिलने वाले मुस्लिम वोटों की तादाद लगातार बढ़ रही है. साल 2009 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 4 फीसद मुस्लिम वोट मिले थे. जबकि अगले चुनाव यानी 2014 में यह तादाद दोगुने से भी ज्यादा हो गई. 2014 में भाजपा 9 फीसद मुस्लिम वोट मिले. वहीं 2019 में फिर से यह तादाद दोगुने से ज्यादा यानी 20 फीसद हो गई. 


यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी अब मुस्लिम समुदाय को लेकर अपनी छवि सुधारना चाहेगी और 20 फीसद से ज्यादा मुस्लिम वोट हासिल करना चाहेगी.


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