पीएम मोदी की दहाड़- हमारे भविष्य के हथियारों को समझने से पहले ही खत्म हो जाएगा दुश्मन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज स्वावलंबन सेमिनार में भारतीय फौज को खिताब करते हुए कहा कि आत्मनिर्भरता का हदफ 21वीं सदी के लिए बहुत जरूरी है. हमने फौज को बढ़ावा देने के लिए पिछले 8 सालों में डिफेंस बजट ही नहीं बढ़ाया है बल्कि देश में ही डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को यकीनी बनाने के लिए काम भी किया है.
Pm Modi Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार की स्वावलंबन सेमिनार में खिताब करते हुए कहा कि हमारे पास क्षमता है, हमारे पास टैलेंट नहीं है ऐसा बिल्कुल नहीं है और यह भी अक्लमंदी नहीं है कि दुनिया जिस प्रकार के हथियार हैं वही औजार में अपने जवानों के देकर मैदान में उतार दूं. हो सकता है कि उसकी ट्रेनिंग अच्छी होगी और वो औजैर का अच्छा इस्तेमाल करके निकल जाएगा. लेकिन मैं कब तक यह रिस्क लेता रहूंगा.
पीएम मोदी ने कहा कि जैसा हथियार सामने वाले के पास है वैसा हथियार मैं अपने जवान को नहीं दूंगा. बल्कि हमारे जवान के पास वो होगा जो उसने सोचा भी नहीं होगा. सामने वाला समझे, उससे पहले खात्मा हो जाए. ये मिज़ाज सिर्फ फौजियों को तैयार करने के लिए नहीं है बल्कि ये मिज़ाज फौजी के हाथ में मौजूद हथियार पर डिपेंड करता है.
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पीएम मोदी ने आगे कहा,"भारत का defence sector, आज़ादी से पहले भी काफी मजबूत हुआ करता था. आज़ादी के समय देश में 18 ordnance factories थीं, जहां artillery guns समेत कई तरह के सैनिक साजो-सामान हमारे देश में बना करते थे. दूसरे विश्व युद्ध में रक्षा उपकरणों के हम एक अहम सप्लायर थे. हमारी होवित्जर तोपों, इशापुर राइफल फैक्ट्री में बनी मशीनगनों को श्रेष्ठ माना जाता था. हम बहुत बड़ी संख्या में एक्सपोर्ट किया करते थे. लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ कि एक समय में हम इस क्षेत्र में दुनिया के सबसे बड़े importer बन गए?
पीएम मोदी ने कहा,"बीते 8 वर्षों में हमने सिर्फ defence का बजट ही नहीं बढ़ाया है, ये बजट देश में ही defence manufacturing ecosystem के विकास में भी काम आए, ये भी सुनिश्चित किया है. रक्षा उपकरणों की खरीद के लिए तय बजट का बड़ा हिस्सा आज भारतीय कंपनियों से खरीद में ही लग रहा है."
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