महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक की ज़मानत याचिका PMLA कोर्ट ने खारिज कर दी है. जो नवाब मलिक के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. दरअसल बुधवार को मुंबई की एक विशेष अदालत ने माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक को ज़मानत देने से इंकार कर दिया है. विशेष अदालत में सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश आर. एन. रोकड़े ने नवाब मलिक की ज़मानत याचिका खारिज कर दी. जिसका विस्तृत आदेश बाद में उपलब्ध होगा. हालांकि इस दौरान जज ने कुर्ला के गोवावाला कंपाउंड की मालकिन मुनीरा प्लम्बर के बयान बेहद अहम माना है. 


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दरअसल ईडी ने इस साल फरवरी में एनसीपी के नेता को गिरफ्तार किया था. और वह तब से ही ज्यूडिशियत कस्टडी में है.  जहां उनका यहां एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है. गौरतलब है कि मलिक ने जुलाई में विशेष अदालत में नियमित जमानत याचिका दायर की थी. जिसमे एनसीपी नेता ने मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए कोई गंभीर अपराध नहीं होने की दलील दी थी. साथ ही  अदालत से ज़मानत दिए जाने की अर्ज़ी लगाई थी. जिस पर जांच एजेंसी ने दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के खिलाफ एनआईए की ओर से दर्ज मामले को आधार मानते हुए जमानत का विरोध किया था. लिहाज़ा नवाब मलिक की जमानत याचिका पर दोनों पक्षों की लंबी दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने 14 नवंबर को अपना फैसला महफूज़ रख लिया था. 

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इससे पहले की सुनवाई के दौरान अदालत ने  कहा था कि, वह अपना आदेश 24 नवंबर को सुनाएगी. लेकिन उस दिन अदालत ने यह कहते हुए मामले को 30 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया था, कि आदेश तैयार नहीं है. लिहाज़ा बुधवार को मलिक की अर्ज़ी पर सुनवाई करते हुए PMLA कोर्ट ने उनकी ज़मानत याचिका को ख़ारिज कर दिया.