President Election 2022: जुलाई महीने में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं. उससे पहले मीडिया और सोशल मीडिया पर खूब चर्चा होने लगी कि आखिर देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा. क्या भाजपा पिछली बार की तरह एक ऐसे नाम का ऐलान करेगी जो अनसुना होगा? यह तो भाजपा ही जाने, लेकिन उससे पहले कुछ एक्सपर्ट्स ने बताया है कि भाजपा इस बार किसी मुस्लिम चेहरे को देश का सबसे बड़ा पद सौंप सकती है. इससे भाजपा मुसलमानों और मुस्लिम देशों के बाच अपनी छवि को सुधारने की कोशिश कर सकती है. 


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हालांकि दूसरी तरफ यह भी कहा जा रहा है कि देश को अगला राष्ट्रपति मुस्लिम नहीं आदिवासी समुदाय का मिल सकता है. शायद आप भी यह बात सुनकर हैरान रह गए होंगे लेकिन इसके पीछे कई अहम वजहें हैं. आदिवासी राष्ट्रपति इसलिए मिल सकता है क्योंकि इसी साल गुजरात में चुनाव है और भाजपा राज्य की उन 15 फीसद वोटों की तरफ टेढ़ी नज़र है जो कांग्रेस का परंपरागत वोटर माना जाता है. दरअसल गुजरात में तकरीबन 15 फीसद वोट आदिवासी है, जिसको कांग्रेस का कट्टर वोटर माना जाता है. 


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पीएम मोदी अप्रैल में कर चुके हैं वोट साधने की शुरुआत


इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि भाजपा कांग्रेस के आदिवासी वोटरों को तोड़ने की कोशिश कर रही है और आगे भी करती रहेगी. इसकी बड़ी मिसाल अप्रैल महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दाहोद दौरा था. पीएम नरेंद्र मोदी 20 अप्रैल को दाहोद दौरे पर गए थे. दाहोद में आदिवासियों की अच्छी खासी तादाद है. इसलिए यहां उन्होंने आदिवासी सम्मेल को खिताब किया था. इसके अलावा आदिवासी समुदाय के लिए पानी और अन्य तरक्कियाती कामों के दावे ठोक कर आए थे. इस दौरान पीएम मोदी आदिवासी लिबास में भी नजर आए थे. उन्होंने आदिवासियों के पारंपरिक कोटी और आभूषण पहने हुए थे. हालांकि यह पीएम मोदी की पुरानी रिवायत है कि वो जिस जगह जाते हैं उस रंग में ढल जाते हैं. 


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गुजरात चुनाव में आदिवासी वोटों का असर


आदिवासी वोट गुजरात चुनाव में भारी अहमियत रखता है. गुजरात के कुल वोटों का 15 फीसद हिस्सा आदिवासियों का है. जो अंदर भी कई उपजातियों में बंटा हुआ है. जैसे भील, डुबला, कोकना, गावित, चौधरी, राठवा और धोडिया आदि. यह 15 फीसद वोट गुजरात विधानसभा की कुल 182 सीटों में से 25 से 28 सीटों पर अपना गहरा प्रभाव रखता है. भारी तादाद में मौजूद आदिवासी वोटों को ना सिर्फ भाजपा अपनी तरफ खींचना चाह रही है बल्कि आम आदमी पार्टी की भी निगाहें इन वोटों पर हैं. इसी लिए केजरीवाल ने आम भारतीय ट्राइबल पार्टी के साथ गठबंधन किया है. 


गुजरात विधानसभा चुनाव 2017


गुजरात के पिछले विधानसभा चुनावों पर नजर डालें और देखें कि जिन सीटों पर आदिवासियों का प्रभाव है वहां किस पार्टी ने बाज़ी मारी तो कांग्रेस सबसे आगे दिखाई देती है. गुजरात की कुल 182 सीटों में से तकरीबन 27 सीटों पर आदिवासियों का गहरा प्रभाव है और ज्यादातर सीटों कांग्रेस के पाले गिरी हैं. नीचे देखिए लिस्ट
गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 - कांग्रेस को मिली 14 सीटें
गुजरात विधानसभा चुनाव 2012 - कांग्रेस को मिली 16 सीटें
गुजरात विधानसभा चुनाव 2007 - कांग्रेस को मिली 14 सीटें


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