Mukhtar Abbas Naqvi: अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले कयास लगाए जाने लगे कि आखिर देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा? क्या भाजपा एक बार फिर लोगों को अनसुना नाम पेशकर हैरान करेगी? या फिर कोई मास्टरस्ट्रोक चलेगी. अगर भाजपा मास्टर स्ट्रोक चलती है तो वो क्या हो सकता है. देखिए
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Mukhtar Abbas Naqvi: जुलाई महीने में राष्ट्रपति देश को अगला राष्ट्रपति मिल जाएगा. पिछले दिनों राष्ट्रपति चुनाव का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. इसके बाद से ही मीडिया और सोशल मीडिया पर खूब चर्चाएं चलने लगीं कि आखिर कौन होगा देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा? कई नामों पर मीडिया और सोशल मीडिया पर चर्चाएं चल रही हैं. कुछ लोगों का कहना है कि हिंदुस्तान का अगला राष्ट्रपति कोई मुस्लिम हो सकता है. क्योंकि भारतीय जनता पार्टी देश के मुसलमानों और अन्य मुस्लिम देशों में अपनी छवि को सुधारना चाहती है.
मुस्लिम राष्ट्रपति के नाम पर जिन दो नामों की चर्चा चल रही है उनमें पहले नाम आरिफ मोहम्मद खान और दूसरा मौजूदा वक्त में केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री की जिम्मेदारियां संभाल रहे मुख्तार अब्बास नकवी का बताया जा रहा है. अब आपके मन में सवाल आया होगा कि आखिर क्यों इन दोनों का नाम चर्चा का विषय बना हुआ है. तो इस खबर में हम आपको मुख्तार अब्बास नकवी के नाम के पीछे की वजह बताने जा रहे हैं.
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दरअसल सबसे पहली बात तो यह है कि नकवी लंबे अरसे से भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं और पूर्व में भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. मुख्तार अब्बास नकवी भले ही अपने दो विधानसभा चुनाव में (1991, 1993) हारे. लेकिन भाजपा की तरफ से लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाले वो पहले उम्मीदवार थे. उन्होंने 1998 में पहली बार रामपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल कर भाजपा को मुसलमानों में पार्टी को दाखिला दिलाया था. जिसके बाद उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री भी बनाया गया था.
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मुख्तार अब्बास नकवी को इसलिए भी राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार के तौर पर लोग देख रहे हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश के रामपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव होने वाले हैं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा रामपुर सीट से मुख्तार अब्बास नकवी के नाम का ऐलान कर सकती है. क्योंकि मुख्तार अब्बास नकवी ने अपना पहलो लोकसभा चुनाव इसी सीट से जीता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ. भाजपा ने इस सीट से घनश्याम सिंह लोधी को टिकट दिया है. जिसके बाद लोगों के मन में सवाल आया कि नकवी की राज्यसभा सदस्यता जुलाई में खत्म हो रही है और अभी उनके लिए कोई अगला प्लान नज़र नहीं आ रहा है. ऐसे में लोगों ने कयास लगाए हैं कि कहीं नकवी भाजपा को राष्ट्रपति पद की पसंद के तौर पर तो नहीं देख रही.
इसके अलावा मुख्तार अब्बास नकवी या फिर आरिफ मोहम्मद खान के राष्ट्रपति बनाए जाने के पीछे एक यह भी वजह हो सकती है कि भारतीय जनता पार्टी की मुसलमानों के बीच अच्छी छवि नहीं है. साथ ही अन्य मुस्लिम देशों से भी कई बार केंद्र की भाजपा सरकार पर हमले किए गए हैं हालांकि सरकार ने हर बार उन देशों को जवाब दिया है. ऐसे में भाजपा हिंदुस्तानी मुस्लिम और मुस्लिम देशों में अपनी छवि को सुधारने के लिए किसी मुस्लिम चेहरे को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना सकती है.
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