President Murmu on NEET: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को संसद के संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए नीट यूजी-2024 में कथित अनियमितताओं का जिक्र किया और साथ ही तत्कालीन कांग्रेस सरकार के जरिए लगाए गए आपातकाल के बारे में भी बात की. बता दें, नीट पेपर लीक मामले कई गिरफ्तारियां हुई हैं.


नीट पर क्या बोलीं द्रोपदी मुर्मू?


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राष्ट्रपति के अनुसार, नीट पेपर लीक मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के जकिए चल रही जांच से “जवाबदेही तय होगी”. उन्होंने कहा,"परीक्षाओं में पेपर लीक और अनियमितताओं के मामलों की उच्च स्तर पर जांच की जा रही है...सरकारी भर्तियों और परीक्षाओं में शुचिता और पारदर्शिता जरूरी है." नीट विवाद पर चल रही राजनीति का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि सभी को “पक्षपातपूर्ण राजनीति से ऊपर उठने” की जरूरत है.


इमरजेंसी पर कही ये बात


पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 1975 से 1977 तक लगाए गए आपातकाल पर राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि यह संविधान पर सीधे हमले का ‘सबसे बड़ा’ और ‘सबसे काला’ अध्याय था. बता दें, इमरजेंसी के मद्देनजर मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार ने बड़ा ऐलान भी किया है. सीएम मोहन यादव ने ऐलान किया है कि राज्य के सिलेबस में इमरजेंसी का चैप्टर जोड़ा जाएगा, और बच्चों को इस दौर के बारे में सभी जानकारी दी जाएगी.


अपने संबोधन से कुछ समय पहले, राष्ट्रपति का संसद भवन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वागत किया तथा एक अधिकारी ने सरकार द्वारा सांस्कृतिक प्रतीक के रूप में अपनाए गए 'सेंगोल' को अपने हाथों में लिया हुआ था.