बैंगलोर: कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीएस नागेश ने बड़ा बयान दिया है. नागेश ने कहा है कि नौतिक विज्ञान इस शैक्षणिक वर्ष से पाठ्यक्रम का हिस्सा होगा. उन्होंने कहा कि स्कूलों में रामायण, महाभारत के साथ कुरआन भी पढ़ाया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह केवल एक धर्म तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि सभी धर्मों की किताबों को पढ़ाया जाएगा.  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

शिक्षा मंत्री ने कहा कि "पंचतंत्र, रामायण, महाभारत, भगवत गीता, कुरान और अन्य सहित सभी धर्मों का सार नैतिक अध्ययन का हिस्सा होगा. उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम एक समिति द्वारा तय किया जाएगा और इस विषय पर कोई परीक्षा नहीं होगी". 


उन्होंने संवाददाताओं से कहा: "हालांकि मदरसों या अल्पसंख्यक समुदाय की ओर से इस तरह की कोई मांग नहीं की गई है, माता-पिता ने हमें मदरसा के छात्रों को अन्य स्कूलों की तरह नियमित शिक्षा प्रदान करने के लिए कहा है, ताकि वे अन्य बच्चों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकें, व्यावसायिक पाठ्यक्रम और प्रतियोगी परीक्षा दे सकें."


यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर अभियान पर लगाया ब्रेक, बरकरार रहेगी यथास्थिति


यह भी कहा गया है कि "स्कूलों में प्रारंभिक शिक्षा भी होगी जहां शिक्षक विशेष रूप से महामारी के बाद की दुनिया में सीखने की गुणवत्ता में सुधार के लिए गीत और नृत्य के माध्यम से शिक्षण पर ध्यान केंद्रित करेंगे."


बताया जाता है कि कर्नाटक में 1 जून से कक्षाएं शुरू होंगी और छात्रों के पास पहले की बनिस्बत होमवर्क भी कम होगा.


Live TV: