प्रधानमंत्री मोदी के लिए "जेबकतरा" जैसे आपत्तिजनक शब्द के इस्तेमाल पर राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दिल्ली हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा है कि वो इस संबंध में राहुल गांधी को भेजे गए नोटिस पर जल्द से जल्द 8 हफ्ते में फैसला लें. कोर्ट ने कहा कि पीएम के लिए राहुल गांधी का ऐसा बयान ठीक नहीं है, लेकिन चुनाव आयोग पहले से इस मसले को देख रहा है, लिहाजा कोर्ट अपनी ओर से दखल नहीं देगा.


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EC के नोटिस पर राहुल ने जवाब नहीं दिया
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग ने 23 नवंबर को राहुल गांधी को नोटिस जारी किया था. इस नोटिस में चुनाव आयोग ने ख़ुद उपयुक्त कार्रवाई किये जाने की बात कहीं थी लेकिन इस नोटिस की समय सीमा गुजरने के बावजूद अभी तक राहुल गांधी ने कोई जवाब नहीं दिया है, लिहाजा कोर्ट अपनी ओर से चुनाव आयोग को निर्देश देता है कि वह इस मामले पर 8 हफ्ते के अंदर फैसला ले.


याचिका में मांग
वकील भरत नागर की ओर से दायर  याचिका में कहा गया था कि राहुल गांधी ने नवंबर में राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान दिए भाषण में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के लिए गए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है. याचिका में राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी इसके साथ ही याचिकाकर्ता का कहना था कि इस तरह के ''झूठे, विषैले'' बयानों पर रोक लगाने के लिए कोर्ट अपनी ओर से भी दिशानिर्देश तय करे.


क़ानून बनाना संसद का काम
राजनेताओं की ओर से दिए जाने वाले ऐसे बयानों पर रोक लगाने के लिए दिशानिर्देश तय किये जाने की मांग पर कोर्ट ने असमर्थता जताई. कोर्ट ने कहा कि राजनेताओं के ऐसे बयानों पर मतदान के जरिए जनता जवाब देती ही है, फिर भी तरह के बयानों को रोकने के लिए कोई क़ानून लाना है तो ये काम संसद का है. संसद इसको लेकर क़ानून बना सकती है. कोर्ट इसमे दखल नहीं देगा.