Rail Fare: देश में कोरोना वबा के कारण रेलवे की बहुत सारी सेवाएं रोक दी गई थीं, लेकिन अब कोरोना का कहर कम होने के बाद उन्हें बहाल कर दिया गया है. रेलवे की तरफ से  ट्रेनों में कंबल और चादर के साथ-साथ खाना देना भी शुरू कर दिया गया है. इसके अलावा रेलवे की तरफ से और भी बहुत सारी रियातयों का लोगों को इंतजार था. इनमें से एक रियायत थी ट्रेनों में बुजुर्गों को मिलने वाली छूट. लेकिन अब ये छूट नहीं मिलने वाली है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने मंगलवार को लोकसभा में आज साफ शब्दों में कहा कि बुजुर्गों और खिलाड़ियों को रेल किराये में अब छूट नहीं दी जाएगी. रेल मंत्री ने साफ किया कि रेल किराये में बुजुर्गों और खिलाड़ियों को अब छूट नहीं मिलेगी.


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रेल मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने कहा है कि कोरोना के कारण रेलवे की आर्थिक सूरते हाल पर बहुत ही बुरा असर पड़ा है. ऐसी स्थिति में सीनियर नागरिकों समेत कई श्रेणियों के किराये में छूट का दायरा बढ़ाना वांछनीय नहीं है. उन्होंने कहा कि चुनौतियां अगर-चि है, लेकिन फिर भी दिव्यांगजनों की चार श्रेणियों, रोगियों और छात्रों की 11 श्रेणियों में किराये में छूट देना जारी रखा है. वैष्णव ने लोकसभा में एम आरिफ के एक सवाल के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.


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रेल मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने लोकसभा में जानकारी दी कि अभी भी किराये की लागत का 50% खर्च सरकार उठाती है.  बुजुर्गों को मिलने वाली रियायत से वर्ष 2019-20 में 1667 करोड़ रु का खर्च उठाना पड़ा, इसी तरह बुजुर्गों को मिलने वाली रियायत से 2018-19 में 1636 करोड़ रु का खर्च उठाना पड़ा. 


काबिले जिक्र है कि रेलवे ने हाल ही में एक और बड़ा फैसला लिया था. दरअसल, प्रीमियम ट्रेनों में कैटरिंग सेवा को लेकर उसकी दरों में कुछ तब्दीलियां की गई थीं. नए नियमों के मुताबिक अगर खाना पहले से बुक नहीं कराया गया तो खाना और महंगा होगा. इसके अलावा 50 फीसदी इज़ाफी चार्ज चुकाने पड़ेंगे. 


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