नई दिल्ली: रेलवे अगले एक साल के दौरान 1,48,463 लोगों की भर्ती करेगा. आपको बता दें पिछले 8 सालों में औसतन सालाना 43,678 लोगों की भर्ती की गई है. ऐसा मना जा रहा है कि कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अगले 18 महीनों में अलग-अलग विभागों और मंत्रालयों में 10 लाख लोगों की भर्ती करने के निर्देश के बाद लिया गया है.


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वित्त मंत्रालय के तहत जारी हुई ताजा सालाना रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार के कुल नियमित सिविल कर्मचारियों (केंद्र शासित प्रदेशों सहित) की तादाद एक मार्च 2020 तक 31.91 लाख थी. जबकि पदों की कुल तादाद 40.78 लाख थी. इस हिसाब से करीब 21.75 प्रतिशत पद खाली थे.


रिपोर्ट में ऐसा कहा गया है कि कुल मैन पावर का करीब 92 प्रतिशत हिस्सा पांच प्रमुख मंत्रालयों या विभागों के अंदर आता है. इनमें रेलवे, कार्य, डाक रक्षा (सिविल), गृह और राजस्व शामिल हैं. कुल 31.33 लाख पदों की निधार्रित तादाद (संघ शासित प्रदेशों को छोड़कर) में रेलवे की हिस्सेदारी 40.55 प्रतिशत है. सरकारी सूत्रों का कहना है कि मोदी के निर्देश के बाद विभिन्न विभागों और मंत्रालयों को रिक्तियों का विवरण तैयार करने के लिए कहा गया था और समीक्षा के बाद 10 लाख लोगों की भर्ती करने का फैसला लिया गया.


विभिन्न विधानसभा चुनावों के दौरान, विपक्षी दलों ने बेरोजगारी के मुद्दे पर बीजेपी को घेरता रहा है. रेलवे ने कहा कि 2014-15 से 2021-22 तक, उसने कुल 3,49,422 उम्मीदवारों की भर्ती की जिसका औसत 43,678 प्रति वर्ष था. रेलवे 2022-23 में तकरीबन 1,48,463 लोगों की भर्ती करेगा.


कांग्रेस ने बोला हमला


कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करते हुए कहा है कि वादा दो करोड़ नौकरी हर साल देने का था, यानी आठ साल में 16 करोड़ नौकरियां. अब कह रहे हैं कि 2024 तक केवल 10 लाख नौकरी देंगे. 60 लाख पद तो केवल सरकारों में खाली पड़े हैं, 30 लाख पद केंद्र सरकार में पड़े हैं. जुमलेबाजी कब तक.


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