भीड़ ने इंस्पेक्टर फूल मोहम्मद को जिंदा जला दिया था; DSP समेत 30 लोग दोषी करार
Rajasthan Court convicts 30 people in Phool Mohammad murder case: यह मामला राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले का है, जहां 17 मार्च 2011 को सूरवाल गांव में एक उत्तेजित भीड़ ने इंस्पेक्टर फूल मोहम्मद को जिंदा जला दिया था.
जयपुरः राजस्थान के सवाई माधोपुर (Sawai Madhopur) जिले की एक स्पेशल कोर्ट ने इंस्पेक्टर फूल मोहम्मद मर्डर केस ( Inspector Phool Mohammad murdercase) में 30 लोगों को कसूरवार ठहराते हुए 49 लोगों को हत्या के इल्जाम से बरी कर दिया है. पुलिस इंस्पेक्टर फूल मोहम्मद मेन टाउन थाने के थानाधिकारी थे जब 17 मार्च 2011 को सूरवाल गांव में एक उत्तेजित भीड़ ने उन्हें जिंदा जला दिया था. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के मामलों की सुनवाई कर रही स्पेशल कोर्ट ने मंगलवार को तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक महेंद्र सिंह समेत 30 लोगों को इस मामले में कसूरवार ठहराया है. दोषियों को सजा 18 नवंबर को सुनाई जाएगी. सीबीआई के वकील श्रीदास सिंह ने बताया कि अदालत ने मामले में 30 लोगों को दोषी पाया है और 49 को बरी कर दिया है.
हत्यारे की गिरफ्तार न होने से गुस्साई थी भीड़
गौरतलब है कि थानाधिकारी फूल मोहम्मद 17 मार्च 2011 में सूरवाल गांव गए थे, जहां एक आदमी पानी की टंकी पर चढ़ गया था. मर्डर के एक मामले में पुलिस द्वारा कथित तौर पर कार्रवाई न करने से दुःखी उस शख्स ने टैंक से कूद कर आत्महत्या कर ली थी. इसके बाद आक्रोशित भीड़ ने थानाधिकारी को निशाना बनाया और उस वक्त उन पर पथराव कर दिया जब वह अपनी जीप में बैठे थे. पथराव से पुलिस अधिकारी फूल मोहम्मद जीप में बेहोश हो गए और भीड़ ने उनकी गाड़ी में आग लगा दी जिससे वह जिंदा जल गए थे. घटना के बाद राज्य सरकार ने उन्हें शहीद का दर्जा दिया था और इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी.
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