Ramlala Pran Pratishtha: अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनकर करीब-करीब तैयार हो चुका है. अब 22 जनवरी को रामलला का प्राण प्रतिष्ठा किया जाएगा. लेकिन इसी बीच राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद केस में वादी रहे इकबाल अंसारी ने मुसलमानों ने एक खास अपील की है. बता दें कि 9 नवंबर 2019 को  सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद इकबाल अंसारी ने इस फैसले का इस्तकबाल किया था. राममंदिर को लेकर भी अंसारी बहुत खुश हैं. लेकिन उनका धन्नीपुर में मस्जिद बनाने को लेकर अलग ही नजरिया है.


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इकबाल अंसारी धन्नीपुर मस्जिद के लिए जमीन पर खेती करने और उपजे अनाज को दोनों मजहबों में बराबर बांट कर खाने की वकालत कर रहे हैं. अंसारी ने न्यूज एंजेसी आईएएनएस से बातचीत में कई सवालों के जवाब दिए. उन्होंने ने इस दौरान धन्नीपुर में मस्जिद निर्माण के सवाल पर कहा कि मुसलमान ये नहीं पूछ रहा है कि वहां मस्जिद बनी कि नहीं बनी? इस पर मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि धन्नीपुर में मस्जिद की कोई जरूरत नहीं है. अंसारी ने इस दौरान मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि जो जमीन मुसलमानों को मिली है, जफर भाई को चाहिए कि उस पांच एकड़ जमीन पर खेती करें. जो अनाज पैदा हो उसे मुसलमान और हिन्दू में बराबर से बांट लें. बता दें कि जफर फारूकी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन हैं और धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद के ट्रस्टी भी हैं. उन्होंने आगे कहा कि मस्जिद बने या न बने मुसलमान इसको लेकर पूछता भी नहीं है.


इकबाल अंसारी ने कहा
इकबाल अंसारी ने कहा, "मैं उसमें कुछ भी नहीं हूँ. इस विवाद में मैं पड़ना भी नहीं चाहता."श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा प्रोग्राम के बारे में उन्होंने कहा कि देखिए, सवाल हमारे यहां अयोध्या का है.ये बहुत अच्छी बात है कि मंदिर बनकर करीब-करीब तैयार है. पूजा पाठ होने जा रहा है. देश विदेश से लोग आ रहे हैं. सबका साथ सबका सम्मान होना चाहिए. हमें भी दावत मिला है और हम जाएंगे भी. इसमें रिश्तेदार और पास पड़ोस का कोई लेना देना नहीं. अकेले हमको दावत मिला है. हम अकेले जाएंगे".


अयोध्या के मुसलमानों पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि मंदिर बनने से यहां की डेवलपमेंट हो रहा है. इसकी वजह से यहां पर रोजगार का भी अवसर बढ़ेगा.