Ramadan Workout Routine: रमाज़ान का महीना दस्तक़ देने वाला है. इस महीने में पूरा दिन रोजा रहता है और शाम में इफ्तार करके रोजा खोला जाता है. रमज़ान में अकसर लोगों के मन में सवाल रहता है कि वर्कआउट किया जाए या नहीं? अगर किया जाए तो किस समय किया जाए? आज हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं, और बताएंगे कि क्या रमजान में एक्सरसाइज की जा सकती है या नहीं. तो आइये जानते हैं.


रमज़ान में एक्सरसाइज कितनी सही?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रमज़ान में इंसान पूरा दिन भूखा और प्यासा रहता है, ऐसे में बेहतर यह होता है कि एक्सरसाइज न की जाए. केवल अपनी बॉडी को डीटॉक्स करने पर फोकस किया जाए. हालांकि, अगर आप एक्सरसाइज करना चाहते हैं तो उसके लिए कुछ खास चीजों को फॉलो करना बेहद जरूरी है. ताकि आप बिना किसी दिक्कत के एक्सरसाइज कर सकें.


किस तरह करें वर्कआउट?


रमाज़ान में सबसे बड़ा चैलेंज रहता है कि आप अपने बॉडी के इलेक्ट्रोलाइट्स को कैसे रिजर्व में रखें. इसके साथ ही भूखा रहने से ग्लाइकोजन रिजर्व भी खत्म होने लगते हैं. बता दें, हमारे शरीर में ग्लूकोज़ ग्लाइकोजन में बदलती है, जो हमें जरूरत पड़ने पर एनर्जी देने का काम करते हैं. रमजान में ग्लाइकोजन और इलेक्ट्रोलाइट्स कम हो जाते हैं. ऐसी कंडीशन में वर्कआउट करना एक मुश्किल सौदा हो सकता है. हालांकि अगर सही गाइडेंस के साथ इसे किया जाए तो आप एक्सरसाइज कर सकते हैं. तो आइये जानते हैं पूरी डिटेल


वर्कआउट इंटेंसिटी में कमी


वर्कआउट की इंटेंसिटी को कम करें. इंटेसिटी कम करने का मतलब सेट के बीच गैप सही मात्रा में रखें, हेवी उठाने पर फोकस कम करें और नॉर्मल वेट से ट्रेनिंग करें. समझें कि आप अपने डीलोडिंग फेज में हैं. इससे आपके शरीर में इलकेट्रोलाइट्स और ग्लाइकोजन रिजर्व तेजी से कम नहीं होगा.


गेनिंग नहीं होना चाहिए गोल


रमज़ान में एक्सरसाइज कर रहे हैं तो आपका गोल गेनिंग नहीं होना चाहिए. मैंटिनेंस या वेट लॉस गोल के साथ आप ट्रेनिंग कर सकते हैं. इस बात जरूर ध्यान रखें कि रमजान के दौरान वर्कआउट कम होगा और फिजिकल वर्क कम होगा, ऐसे में आपके टोटल एनर्जी एक्पेंडेचर यानी TDEE में भी कमी आएगी. टीडीईई वह एनर्जी होती है जो आपका शरीर दिन भर में इस्तेमाल करता है.


वर्कआउट के दौरान सिंपल कार्ब्स लें


कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट लेने के बजाय आप सिंपल कार्बोहाइड्रेट पर फोकस करें. ये आपके ग्लाइकोजन रिजर्व को तेजी से फिल करेगा और आप सही वर्कआउट कर पाएंगे. सिंपल कार्बोहाइड्रेट का सबसे बेहतर उदाहरण चीनी है. वर्कआउट के दौरान नींबू पानी एक लाजवाब ऑप्शन हो सकता है.


वर्कआउट टाइमिंग है काफी अहम


जो लोग रमजान में एक्सरसाइज करने का प्लान बना रहे हैं, वह ध्यान रखें कि आपके लिए वर्कआउट टाइमिंग काफी अहम है. इस एक महीने में कार्डियो पर फोकस कम करें. क्योंकि यह तेजी से बॉडी से ग्लाइकोजन रिजर्व और इलेक्ट्रोलाइट्स को खत्म करता है. स्ट्रेग्थ ट्रेनिंग को वक्त दें, और 20-25 मिनट वर्कआउट करें.


कैसे करें वर्कआउट प्लानिंग


वर्कआउट प्लानिंग के दौरान ध्यान रखें कि एक दिन में मल्टीपल बॉडी पार्ट्स यानी दो या उससे अधिक शरीर के हिस्सों को ट्रेन न करें. क्योंकि ट्रेनिंग के बाद रिकवरी में भी काफी वक्त लगने वाला है. इसके अलावा हफ्ते में 4 दिन ट्रेनिंग काफी है. पूरे सात दिन ट्रेनिंग करने से बचें.


रमजान में एक्सरसाइज करना का सही वक्त क्या है?


रमजान में एक्सरसाज करने का सबसे सही वक्त रोजा इफ्तार करने के बाद है. इस वक्त शरीर में ग्लूकोज़ औऱ इलेक्ट्रोलाइट्स पहुंच जाते हैं और आप वर्कआउट के दौरान पानी भी पी सकते हैं. वहीं सहरी में वक्त काफी कम होता है और आपके पास ईटिंग विंडो यानी खाना और पानी पीने का वक्त काफी कम रह जाता है.


कैसे करें वर्कआउट


लेग्स डे- 3 एक्सरसाइज- लेग प्रेस, रिवर्स लेग्स एक्स्टेंशन और काल्फ रेज़- 4-4 सेट्स.
आर्म्स डे- 3 एक्सराइसज- डंबल कर्ल/ प्रीचर कर्ल, रोप पुश डाउन/ स्कल क्रशर 3-3 सेट्स.
चेस्ट डे- 3 एक्सरसाइज- डंबल प्रेस, इनक्लाइन डंबल प्रेस, डिलाइन डंबल प्रेस 4-4 सेट्स.
बैक डे- 3 एक्सरसाइज- लैट पुल डाउन, डंबल रो, डंबल पुल ओवर.
शोल्डर्स- 3 एक्सराइज- मिलिट्री प्रेस, साइड रेज़, रियर लेटरल रेज़ेस, (Next Week)


Disclaimer: यह जानकारी फिटनेस एक्सपर्ट असद अली से बातचीत के आधार पर ली गई है. अगर आपको कोई भी मेडिकल कंडीशन है तो रमजान में एक्सरसाइज करने से परहेज करें. बूढ़े लोग इस महीने में एक्सरसाइज न करें और कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लें. गर्भवती महिलाएं इस महीने कोई भी एक्सरसाज करने से बचें.