Meena Kumari Hindi Shayari: बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा और गायकार मीना कुमारी बहुत अच्छी शायर भी थीं. मीना कुमारी को गमगीन फिल्मों के लिए याद किया जाता है. मीना कुमारी को भारतीय सिनेमा की ट्रैजेडी क्वीन भी कहा जाता है. इन्होंने साल 1939 से 1972 तक फ़िल्मी पर्दे पर काम किया. शानदार एक्ट्रेस होने के साथ-साथ मीना कुमारी एक उम्दा शायरा और पार्श्वगायिका भी थीं. यहां पेश हैं उनके दर्द भरे शेर.


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अयादत को आए शिफ़ा हो गई
मिरी रूह तन से जुदा हो गई


हँसी थमी है इन आँखों में यूँ नमी की तरह
चमक उठे हैं अंधेरे भी रौशनी की तरह


अयादत होती जाती है इबादत होती जाती है
मिरे मरने की देखो सब को आदत होती जाती है


यूँ तेरी रहगुज़र से दीवाना-वार गुज़रे
काँधे पे अपने रख के अपना मज़ार गुज़रे


ये न सोचो कल क्या हो
कौन कहे इस पल क्या हो


कहीं कहीं कोई तारा कहीं कहीं जुगनू
जो मेरी रात थी वो आप का सवेरा है


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चाँद तन्हा है आसमाँ तन्हा
दिल मिला है कहाँ कहाँ तन्हा


शम्अ' हूँ फूल हूँ या रेत पे क़दमों का निशाँ
आप को हक़ है मुझे जो भी जी चाहे कह लें


आग़ाज़ तो होता है अंजाम नहीं होता 
जब मेरी कहानी में वो नाम नहीं होता 


जब ज़ुल्फ़ की कालक में घुल जाए कोई राही 
बदनाम सही लेकिन गुमनाम नहीं होता 


हँस हँस के जवाँ दिल के हम क्यूँ न चुनें टुकड़े 
हर शख़्स की क़िस्मत में इनआ'म नहीं होता 


दिल तोड़ दिया उस ने ये कह के निगाहों से 
पत्थर से जो टकराए वो जाम नहीं होता 


दिन डूबे है या डूबी बारात लिए कश्ती 
साहिल पे मगर कोई कोहराम नहीं होता 


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