गणतंत्र दिवस पर पढ़ें वह नारे, जो आप में भर देंगे देशभक्ति का जोश
Republic Day: आजादी की लड़ाई के लिए लोगों में जोश भरने का काम देशभक्ति के नारों ने किया. ऐसे में आज गणतंत्र दिवस के मौके पर हम आपके सामने पेश कर रहे हैं देशभक्ति वाले नारे.
Republic Day: भारत आज अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. आज के दिन यानी 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था. इससे पहले भारत के लोगों ने आजादी की लड़ाई के लिए बहुत संघर्ष किया. भारत के लोगों को बहुत लड़ाईयां लड़नी पड़ीं. लड़ाई लड़ने के लिए भारत की कुछ महान हस्तियों ने नारे दिए, जो बहुत मशहूर हुए. आज हम आपके सामने पेश कर रहे हैं वह नारे जो आजादी से पहले महान हस्तियों ने दिए. आइए डालते हैं एक नजर.
"जय हिंद"
-सुभाष चन्द्र बोस
"पूर्ण स्वाराज"
-जवाहर लाल नेहरू
"करो या मरो"
-महात्मा गांधी
"इन्कलाब जिंदाबाद"
-भगत सिंह
"अंग्रेजों भारत छोड़ो"
-महात्मा गांधी
"दिल्ली चलो"
-सुभाष चन्द्र बोस
"हू लिव्स इफ इंडिया डाइज"
-जवाहर लाल नेहरू
"सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा."
-मोहम्मद इकबाल
"स्वाराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है."
-बाल गंगाधर तिलक
"तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा."
-सुभाष चन्द्र बोस
"हमने घुटने टेककर रोटी मांगी, लेकिन जवाब में हमें पत्थर मिले."
-महात्मा गांधी
"क्रांति की तलवार में धार वैचारिक पत्थर पर रगड़ने से ही आती है."
-भगत सिंह
"मैं एक दिव्य दृष्टि नहीं हूं, मैं व्यावहारिक आदर्शवादी होने का दावा करता हूं."
-महात्मा गांधी
"आज हमारे देश को जरूरत है, लोहे के स्नायुओं और इस्पात की नाड़ियों की."
-विवेकानंद
"सरफरोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजु-ए-कातिल में है."
-रामप्रसाद बिस्मिल
"देश की तरक्की से उन्हें (मुसलमा) जितना प्यार है, वह इस देश के किसी अन्य समुदाय से कम नहीं है."
-मोहम्मद अली जिन्ना
"जो काम 50 हजार हथियारबन्द सिपाही न कर सके, उसे महात्मा गांधी जी ने कर दिया. उन्होंने शांति कायम कर दी."
-माउण्टबेटन
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