Islamic Knowledge: सुप्रीम कोर्ट ने सेम सेक्स मैरिज को कानूनी मान्यता देने से इंकार कर दिया है. अदालत ने कहा कि वह स्पेशल मैरिज एक्ट को खत्म नहीं कर सकता. अदालत के मुताबिक सेम सेक्स मैरिज को कानूनी मान्यता देना संसद का काम है. अदालत कानून नहीं बना सकता. अदालत ने समलैंगिक कपल को बच्चा गोद लेने का अधिकार भी नहीं दिया है. अदालत ने साफ लफ्जों में कहा है कि शादी का हक संविधान में कोई मौलिक अधिकार नहीं है, इसलिए समलैंगिक कपल इसे मौलक अधिकार के तौर पर दावा नहीं कर सकते. आइए जानते हैं इस्लाम सेम सेक्स मैरिज पर क्या कहता है? 


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कई तंजीमों ने किया स्वागत


सेम सेक्स मैरिज पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का देश की कई तंजीमों ने स्वागत किया है. हिंदू तंजीम राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) ने कहा है कि "सेम सेक्स मैरिज पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला इस्तकबाल के लायक है." देश की सबसे बड़ी मुस्लिम तंजीम जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने भी अदालत के फैसले का स्वागत किया है. साइरो मलाबार चर्च ने भी इस फैसले का स्वागत किया है.


सेम सेक्स पर इस्लाम क्या कहता है?


इस्लाम में सेम सेक्स के साथ मैरिज करना हराम है. कुरान में जिक्र है कि हजरत लूत (अ.) की कौम में ये बुराई फैल गई थी, कि लोग औरतों के बजाए मर्दों से अपनी ख्वाहिश पूरी करते थे. हजरत लूत (अ.) ने अपनी कौम को इस काम को करने से रोका, लेकिन वह लोग नहीं माने. इसके बाद उनकी कौम पर अल्लाह का अजाब नाजिल हुआ. अल्लाह ताला ने उनकी बस्ती को पलट दिया. इस कौम पर पत्थरों की बारिश हुई. इसके बाद इस कौम का दुनिया से नामों निशान मिट गया.


सेम सेक्स मैरिज पर फतवा


दारुल इफ्ता की तरफ से एक फतवा जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि "शरीयत ने जिंसी ख्वाहिंश की तसकीन के लिए शुद्धता वाला रास्ता निकाह करना बताया है.  इस हलाल रास्ता के अलावा किसी भी तरीके से अपनी ख्वाहिश पूरा करना हद से आगे बढ़ जाने की बिना पर नाजायज और हराम है."


कुरान में सेम सेक्स मैरिज का जिक्र


सेम सेक्स मैरिज के बारे में कुरान में भी जिक्र आया है. कुरान में कहा गया है कि "और तुम में से जो भी कोई बदकारी का इरतकाब करें, तो उन दोनों को सजा दो, अगर वह तौबा कर लें और (अपना) सुधार कर लें तो उन्हें सजा देने से गुरेज करो. बेशक अल्लाह बड़ा तौबा कुबूल करने वाला मेहरबान है." (सूरह निसा, 4:16)