नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम के अभियंता संजीव कुमार सिंह ने हुमायूं के मकबरे में दाराकिशोह की कब्र होने का दावा किया है. हालांकि गुरुवार को संस्कृति मंत्रालय की तरफ से तश्कील की गई मीटिंग में एक बार फिर उस जगह को देखने का फैसला लिया गया है. अब 11 जनवरी को मंत्रालय की कमेटी हुमायूं मकबरे का दौरा कर दिल्ली संजीव कुमार सिंह के दावे की हकीकत जानेगी. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आनंद महिंद्रा ने शेयर किया एम्बैसेडर वाली बैलगाड़ी का Video, देखकर रह जाएंगे हैरान


बता दें कि संजीव कुमार ने हुमायूं के मकबरे में दाराकिशोह की कब्र होने का दावा किया है. उस कब्र से करीब साढ़े पांच किलोमीटर की फासले पर ही दाराकिशोह रोड भी है. मुगल शासक शाहजहां के चार बेटों में से एक दाराकिशोह की 1659 में उसके ही भाई औरंगजेब ने राजगद्दी के लिए कत्ल कर दिया था. 


इस देश के राष्ट्रपति ने डोनाल्ड ट्रम्प को बताया "पागल", कहा सद्दाम हुसैन जैसा हाल होगा


खबरों के मुताबिक संजीव कुमार सिंह ने दाराकिशोह की शख्सियत के बारे में बचपन में एक किताब पढ़ी थी. उसी वक्त से दाराकिशोह से प्रभावित हो गए थे. दिल्ली में आने के बाद कई बार हुमायूं के मकबरे गए लेकिन सवाल यही दिमाग में रहा कि दारा की कब्र कौन सी हो सकती है. 


...जब अटल जी ने कहा था, ऐसी सत्ता को चिमटे से भी छूना पसंद नहीं करूंगा, पढ़े दिलचस्प किस्से


फिर इसके लिए उन्होंने औरंगजेब की ज़िंदगी पर लिखे गए आलमगीरनामा का सहारा लिया. फारसी में लिखे इस आलमगीरनामे का हिंदी में तरजुमा कराया था. इसी से उनको मदद मिली कि दाराकिशोह की कब्र गुंबद के नीचे है. बता दें कि आलमगीरनामा मिर्जा काज़िम ने लिखा था और साल 1688 में उन्होंने यह औरंगजेब को सौंपा था. 


रास्ते में बीमार हुई महिला, मुस्लिम कॉन्सटेबल ने कमर पर लादकर कराए मंदिर के दर्शन, देखिए PHOTOS


संजीव सिंह बताते हैं कि वह 40 से भी ज्यादा बार हुमायूं के मकबरे में गए हैं. यहां तहखाने में 150 के करीब कब्रें हैं.


Zee Salaam LIVE TV