Siddique Kappan got Bail: केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन (Siddique Kappan) को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. सिद्दीक कप्पन को उत्तर प्रदेश की सरकार ने साल 2020 में तब गिरफ्तार किया था जब वह दलित महिलाओं की मौत होने के बाद हाथरस जा रहे थे. सिद्दीक कप्पन पर उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) मुकदमा दायर किया गया था.


जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?


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सिद्दीक कप्पन को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि "अगले 6 हफ्ते तक सिद्दीक दिल्ली में रहेगा और स्थानीय थाने में हाजिरी भरेगा. उसके बाद वह केरल जा सकता है." उत्तर प्रदेश सरकार ने सिद्दीक कप्पन की जमानत का विरोध किया था. उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया था कि सिद्दीक कप्पन के तार PFI से जुड़े हैं. यूपी सरकार का इल्जाम लगाया था कि सिद्दीक कप्पन देश में आतंकी और धार्मिक हिंसा भड़काने की साजिश में शामिल था. 


हाईकोर्ट ने नहीं दी थी जमानत


सिद्दीक कप्पन को 5 अक्टूबर साल 2020 में मथुरा जा रहे थे. इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कप्पन को यह कहते हुए जमानत देने से मना कर दिया था कि उनका मामला बहुत गंभीर है.


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क्या है पूरा मामला?


दरअसल हाथरस के चंदपा के एक गांव में 14 सितंबर 2020 को एक दलित लड़की से रेप किया गया. इसके बाद उसे जान से मारने की कोशिश की गई. इसके बाद लड़की की इलाज के दौरान मौत हो गई. परिवार वालों का आरोप है कि लड़की के शव को उनकी इजाजत के बिना जला दिया गया. इस मामले पर काफी हंगामा हुआ. मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था.


मामले को रिपोर्ट करने जा रहे थे कप्पन


बताया जाता है कि इसी मामले को रिपोर्ट करने के लिए सिद्दीक कप्पन हाथरस जा रहे थे तभी उन्हें मथुरा में गिरफ्तार कर लिया गया. उन पर हाथरस में दंगा भड़काने का आरोप लगा.


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