मुंबईः हिंदी फिल्मों के मशहूर पटकथा लेखक, 'पान सिंह तोमर’ और 'आई एम कलाम’ जैसी फिल्मों के लिए जाने जाने वाले संजय चौहान का 62 साल की उम्र में निधन हो गया. वह लीवर की पुरानी बीमारी से जूझ रहे थे. गुरुवार को एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में उन्होंने आखिरी सांस ली थी. उन्हें 10 दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था. संजय चौहान के परिवार में उनकी पत्नी सरिता और बेटी सारा हैं. उनका अंतिम शुक्रवार को दोपहर 12.30 बजे मुंबई के ओशिवारा श्मशान घाट में होगा.  

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मध्य प्रदेश के भोपाल से था ताल्लुक 
एक रिपोर्ट्स के मुताबिक, संजय चौहान का जन्म और पालन-पोषण भोपाल में हुआ था. उनकी मां एक टीचर थीं, और उनके पिता भारतीय रेलवे के कर्मचारी थे. संजय चौहान ने सोनी टेलीविजन के लिए 1990 के अपराध नाटक ’भंवर’ की पटकथा लिखी थी. मुंबई स्थानांतरित होने से पहले उन्होंने दिल्ली में एक पत्रकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी. संजय चौहान ने सुधीर मिश्रा की प्रशंसित 2003 की फिल्म ’हजारों ख्वाहिशें ऐसी’  के लिए भी संवाद लिखा था. 

'साहेब बीवी गैंगस्टर’ की भी लिखी थी स्क्रिप्ट 
संजय चौहान ने लेखन समुदाय के अधिकारों की रक्षा में भी सक्रिय भूमिका निभाई थी. चौहान को अपने पूरे करियर में कई सम्मान मिले, जिसमें उनकी फिल्म 'आई एम कलाम (2011) के लिए सर्वश्रेष्ठ कहानी का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था. चौहान की उल्लेखनीय फिल्मों में 'धूप’ और 'मैंने गांधी को नहीं मारा’ शामिल  हैं। तिग्मांशु धूलिया के साथ उन्होंने 'साहेब बीवी गैंगस्टर’ फिल्म की पटकथा भी लिखी थी. हालांकि, इन सबमें सबसे ज्यादा प्रसिद्धी और ख्याति उन्हें 'पान सिंह तोमर’ फिल्म के लिए मिली थी, चम्बल के बीहड़ के डाकुओं के जीवन पर आधारित फिल्म थी. 


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