नई दिल्लीः चुनाव आयोग द्वारा राष्ट्रपति पद के चुनाव की तारीख का ऐलान करने के बाद से ही इस पद के उम्मीदवारों के लिए कयासों का दौर जारी है. वहीं, केंद्र सरकार ने अभी तक किसी प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया है. हालांकि कांग्रेस आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार के नाम की तरफ इशारा कर चुकी है. कांग्रेस ने जहां कहीं भी पार्टी की सरकार है, अपने सहयोगियों को शरद पवार को अपनी हिमायत देने के लिए कह दिया है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मल्लिकार्जुन खड़गे कर चुके हैं पवार से मुलाकात 
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुजिश्ता गुरुवार को पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी के एक संदेश के साथ शरद पवार से मुलाकात की थी. दोनों नेता मुंबई में मिले थे. अगर शरद पवार मैदान में उतरते हैं तो कांग्रेस उनके पूर्ण समर्थन में दिखाई दे रही है. वहीं, दूसरी जानिब ममता बनर्जी ने 15 जून को विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है. उसी दिन पवार समान विचारधारा वाले दलों के नेताओं से मुलाकात करेंगे. हालांकि पवार ने अब तक इन अटकलों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

पार्टी ने आधिकारिक तौर पर नहीं लिया है किसी का नाम 
हालांकि पार्टी ने राष्ट्रपति चुनावों के लिए किसी विशेष नाम का सुझाव नहीं दिया है, लेकिन उसने कहा कि यह लोगों के लिए एक राष्ट्रपति का चुनाव होगा, जो भारत के ’खंडित सामाजिक ताने-बाने’ को सही करने की कोशिश होगी. पार्टी ने बयान में कहा, “हमारे देश और उसके लोगों की खातिर हमारे मतभेदों से ऊपर उठने का वक्त आ गया है. बातचीत और विचार-विमर्श खुले विचारों वाला और इसी भावना के अनुरूप होना चाहिए. हमारा मानना है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को अन्य दलों के साथ मिलकर इस चर्चा को आगे बढ़ाना चाहिए.

सोनिया गांधी ममता बनर्जी से करेंगी मुलाकात 
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अगले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राकांपा प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दीगर विपक्षी नेताओं से राब्ता कायम किया है. उन्होंने शनिवार को विभिन्न विपक्षी नेताओं से बात की थी. कांग्रेस के एक बयान में कहा गया, “कांग्रेस सद्र सोनिया गांधी ने शरद पवार, ममता बनर्जी और कुछ अन्य विपक्षी नेताओं के साथ आगामी राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर चर्चा की है.

देश को एक ऐसे राष्ट्रपति की जरूरत है 
बयान में कहा गया है कि दीगर विपक्षी नेताओं के साथ उनकी चर्चा के मुताबिक, उन्होंने एलओपी मल्लिकार्जुन खड़गे को कोविड-19 के कारण अपने खराब सेहत को देखते हुए अन्य नेताओं के साथ समन्वय करने के लिए प्रतिनियुक्त किया है.बयान में कहा गया है कि कांग्रेस की राय है कि देश को एक ऐसे राष्ट्रपति की जरूरत है जो संविधान, लोकतांत्रिक संस्थानों और नागरिकों को सत्तारूढ़ भाजपा के चल रहे ’हमले’ से बचा सके.

भाजपा की बढ़ सकती हैं मुश्किलें 
विपक्षी खेमे के दिग्गज पवार सत्तारूढ़ दल के समीकरण को बिगाड़ सकते हैं, जो दीगर छोटे दलों की हिमायत पाने की उम्मीद कर रहा है. भाजपा को नवीन पटनायक के जनता दल बीजू और आंध्र प्रदेश के वायएसआर कांग्रेस से समर्थन मिलने की उम्मीद है. दूसरी ओर, भाजपा ने अपने पार्टी प्रमुख जे. पी. नड्डा और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह को विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ चर्चा करने और उन्हें आम सहमति पर पहुंचने की जिम्मेदारी सौंपी है.


Zee Salaam