Farmers Protest: किसान आंदोलन 12 फरवरी से जारी है. इस बीच किसान और पुलिस में झड़प हुई थी. जिसमें एक नौजवान किसान की मौत हो गई है. जिसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का इस्तीफा मांगा है और कहा है कि 23 फरवरी को पूरे मुल्क में ब्लैक डे मनाया जाएगा. 


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इसके साथ ही किसान नेताओं ने मारे गए किसान के परिवार वालों को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने और कर्ज को माफ करने के अलावा हरियाणा पुलिस, सूबे के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है. इसके साथ ही किसान नेताओं ने इल्जाम लगाया है कि पंजाब बॉर्डर के भीतर घुसकर लगभग 100 से ज्यादा ट्रैक्टरों को नुकसान पहुंचाया गया है, इसका भी मुआवजा सरकार दे. उन्होंने कहा कि नौजवान किसान की मौत की न्यायिक जांच होनी चाहिए.


किसान लीडर रमिंदर सिंह पटियाला कही ये बात
किसान लीडर रमिंदर सिंह पटियाला ने कहा, “हम समझते हैं कि पीछे से बैठक गृहमंत्री अमित शाह ने ये डिज़ाइन किया है. इसलिए हम अमित शाह, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर और हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज के इस्तीफे की मांग करते हैं.” वहीं, आज चंडीगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चा की नेशनल कोऑडिनेशन कमेटी की बैठक के बाद किसान लीडर्स ने 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान-मजदूर महापंचायत का ऐलान किया है. 


किसान नेता ने क्या कहा?
बैठक के बाद किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फेंस की है. इस प्रेस कॉन्फेंस में किसान नेता सुनीलम ने कहा,  "इस महापंचायत में एमएसपी की क़ानूनी गारंटी, कर्ज माफी, बिजली के निजीकरण के को रद्द किए जाने और लखीमपुर खीरी घटना के आरोपी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी पर कार्रवाई की मांग रखी जाएगी. इस महापंचायत में केंद्रीय ट्रेड यूनियनें भी शामिल होंगी और चार लेबर कोड को वापस करने और अंधाधुन प्राइवेटाइजेशन को रद्द करने की मांग शामिल रहेगी."