नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा के पुरी से निकलने वाली भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा को शर्तों के साथ हरी झंडी देदी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर इंतेज़ामिया कमेटी, सूबाई हुकूमत और मरकज़ी हुकूमत आपस में तालमेल कर रथयात्रा का इनेकाद करवाएंगे. 


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साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर पुरी में कोरोना के मामलों में इज़ाफा हुआ तो सूबाई हुकूमत के पास यह हक होगा कि वो यात्रा को रोक दे.



इससे पहले सॉलिसिटर जनरल ने कहा क‍ि शंकराचार्य, पुरी के गजपति और जगन्नाथ मंदिर कमेटी से सलाह कर यात्रा की मंज़ूरी दी जा सकती है. मरकज़ी हुकूमत भी यही चाहती है कि कम से कम ज़रूरी लोगों के ज़रिए यात्रा की रस्म अदा की जा सकती है. 


जिसके बाद चीफ जस्टिस ने सवाल किया कि हुकूमत शंकराचार्य को क्यों शामिल करना चाती है? पहले से ट्रस्ट और मन्दिर कमेटी ही मुनाक्किद करती हैं तो शंकराचार्य को क्यों शामिल किया जा रहा है?


इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि, नहीं. हम तो मशविरे की बात कर रहे हैं क्योंकि वो सबसे बड़े मज़हबी लीडर हैं.


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