Taj Mahal: सुप्रीम कोर्ट ने आगरा विकास प्राधिकरण को ताजमहल की चारदीवारी/परिधीय दीवार से 500 मीटर के दायरे में सभी व्यावसायिक गतिविधियों को हटाने का निर्देश दिया है. न्याय मित्र के रूप में अदालत की सहायता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ए.डी.एन. राव ने न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति अभय एस. ओका की पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि ताजमहल के पास सभी व्यावसायिक गतिविधियों को प्रतिबंधित करने के लिए निर्देश जारी किए जाने चाहिए. मकबरा यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल भी है.


खाली होंगी आस पास की दुकानें


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शीर्ष अदालत को सूचित किया गया था कि इसी तरह का आदेश मई 2000 में जारी किया गया था, लेकिन निर्देश को दोहराना उचित है, प्रस्तुतियों से सहमत है, और आगरा विकास प्राधिकरण को ताजमहल के 500 मीटर के दायरे को तुरंत खाली करने का निर्देश दिया है. शीर्ष अदालत ने यह आदेश दुकान मालिकों के एक समूह के आवेदन पर पारित किया, जिन्हें 500 मीटर के दायरे से बाहर जगह आवंटित की गई है. दुकान मालिकों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कहा कि स्मारक के पश्चिमी द्वार पर अवैध व्यावसायिक गतिविधियां पनप रही हैं, जो अदालत के आदेश का उल्लंघन है.


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नाम बदलने की उठ चुकी मांग


हाल ही में खूबसूरत इमारत ताजमहल के नाम को बदलने की मांग उठ चुकी है. ताजमहल के नाम को तेजो महालय करने की मांग उठ रही थी. यह मांग आगरा के भाजपा पार्षद ने उठाई थी. इसे लेकर 31 अगस्त को आगरा नगर निगम में एक प्रस्ताव लाया गया. भाजपा पार्षद शेभाराम राठौर ने ताजमहल का नाम बदलकर तेजो महालय रखने की मांग की थी. पार्षद ने इस ताल्लुक से प्रस्ताव में कई दलीलें रखी थीं. हालांकि यह प्रस्ताव पास नहीं हो सका


नमाज पढ़ने के इल्जाम में गिरफ्तार


इससे पहले 26 मई को ताजमहल परिसर (Taj Mahal Premises) में मौजूद ताज मस्जिद में मुबैयना तौर पर बिना इजाजत नमाज पढ़ने (Namaz at Taj Premises) के इल्जाम में चार पर्यटकों को गिरफ्तार किया गया (Tourist areested) था. उल्लेखनीय है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने परिसर में सिर्फ शुक्रवार को नमाज पढ़ने की इजाजत दे रखी है. ताजगंज पुलिस थाने के निरीक्षक इंस्पेक्टर भूपेंद्र बालियान ने बताया कि गिरफ्तार चारों पर्यटकों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा-153 (दंगा भड़काने की मंशा से उकसाना) के तहत कार्रवाई की गई है.


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