Government asking to block Twitter accounts: कर्नाटक हाई कोर्ट में ट्विटर ने दावा किया है कि सरकार ने जिन ट्वीट को ‘ब्लॉक’ करने को कहा, उनमें से 50-60 फीसदी अहानिकारक थे. ट्विटर को 1,178 अकाउंट ब्लॉक करने को कहा गया.
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बेंगलुरुः माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने सोमवार को कर्नाटक हाई कोर्ट में दावा किया कि सरकार राजनीतिक सामग्री की वजह से ठीक न लग रहे किसी ट्वीट को हटाए जाने के बजाय उस अकाउंट को ही ‘ब्लॉक’ करने के लिए कह रही है. ट्विटर ने कहा कि आरोपी यूजर्स को नोटिस जारी किए बगैर उसके कई यूजर्स के अकाउंट के खिलाफ कार्रवाई करने को कहे जाने से एक मंच के तौर पर ट्विटर प्रभावित हुआ है. इसने कहा कि ऐसे कई ट्वीट, जिन्हें ब्लॉक करने के लिए कहा जा रहा था, वे ‘अहानिकारक’ थे. हाईकोर्ट ने कुछ अकाउंट, यूआरएल और ट्वीट ब्लॉक करने के केंद्र सरकार के आदेश के खिलाफ ट्विटर की याचिका पर सुनवाई कर रहा था.
हाई कोर्ट में ट्विटर ने सरकार के आदेश को दी है चुनौती
ट्विटर ने अभिव्यक्ति की आजादी का हनन किए जाने और सामग्री हटाने के लिए इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को निर्देश देने से पहले कथित उल्लंघनकर्ताओं को नोटिस जारी नहीं किए जाने की बुनियाद पर सरकार के आदेशों को चुनौती दी थी. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ट्विटर की याचिका पर एक सितंबर को 101 पृष्ठों का एक बयान कोर्ट में दाखिल किया था. सोमवार को ट्विटर की तरफ से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने दलील दी कि कंपनी सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम में तयशुदा नियमों का पालन कर रही है.
किसान आंदोलन के दौरान अकाउंट हटाने के आदेश दिए गए
अदालत में दातार ने दलील दी कि कथित उल्लंघनकर्ताओं को नोटिस जारी किए बगैर ट्विटर को अकाउंट हटाने के लिए कहे जाने से उसका कारोबार प्रभावित होगा. उन्होंने कहा कि कई बड़ी हस्तियों के अकाउंट ट्विटर पर हैं. उन्होंने दिल्ली में हुए किसानों के प्रदर्शन का भी जिक्र किया और दावा किया कि मीडिया में प्रसारित की गई सामग्री को ट्विटर पर ब्लॉक करने को कहा गया था. किसानों के प्रदर्शन के दौरान मुझसे कई अकाउंट को ब्लॉक करने को कहा गया था. जब टीवी और प्रिंट मीडिया खबरें प्रकाशित/प्रसारित कर कर रही हैं, तब फिर ट्विटर को अकाउंट ब्लॉक करने को क्यों कहा जा रहा है?’’
1,178 अकाउंट ब्लॉक करने को कहा गया
दातार ने सुप्रीम कोर्ट बनाम श्रेया सिंघल मामले का जिक्र किया और कहा कि अकाउंट ब्लॉक करने का आदेश जारी करने से पहले ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म को नोटिस जारी किया जाना और उनका पक्ष सुनना जरूरी है. उन्होंने कहा कि इसलिए मंत्रालय द्वारा जारी किया गया इस तरह का आदेश सुप्रीम कोर्ट के फैसले और संबंद्ध अधिनियम (सूचना प्रौद्योगिकी ब्लॉक कार्रवाई नियम 6 और 8) के खिलाफ है. अधिवक्ता ने अकाउंट ब्लॉक करने के लिए दिए गए एक आदेश का मिसाल दिया, जिसमें ट्विटर को 1,178 अकाउंट ब्लॉक करने को कहा गया.
ट्विटर खुद डिलीट कर देता है ऐसे ट्वीट
दातार ने दलील दी कि ट्विटर जिन ट्वीट को ठीक नहीं समझता है, उसे खुद ही ब्लॉक कर देता है. उन्होंने खालिस्तान का समर्थन करने वाले ढेर सारे ट्वीट को ट्विटर द्वारा ब्लॉक किए जाने का उदाहरण भी दिया. उन्होंने कहा कि सरकार ने जिन ट्वीट को ब्लॉक करने को कहा था, उनमें से 50 से 60 प्रतिशत ट्वीट ‘अहानिकारक’ थे. बहरहाल, हाई कोर्ट ने सुनवाई 17 अक्टूबर के लिए स्थगित कर दी है.
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