नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आज शाहीन बाग (Shaheen Bagh) रोड से मुज़ाहिरीन को हटाने की अर्ज़ी पर समाअत करते हुए माहौल ठीक न होने की दलील देते हुए मामले को टाल दिया. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा शाहीन बाग के मुज़ाहिरीन के लिए कहा कि उनको यह समझना होगा कि आम सड़क मुज़ाहिरे के लिए नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुज़ाकरातकार ने पूरी कोशिश की लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली.


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सुप्रीम कोर्ट ने शुमाल-मश्रिक़ी (North-East)  दिल्ली में हो रहे तशद्दुद मामले में दखल देने से इनकार कर दिया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भड़काऊ बयान के खिलाफ़ सख्त रवैया अपनाते हुए पुलिस को हुक्म दिया कि ऐसे मामलों में कार्रवाई के लिए पुलिस किसी भी हुक्म का इंतज़ार ना करे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कोई भड़काऊ बयान दे तो इंतजार ना करे बल्कि कानून के मुताबिक कार्रवाई करे।


आपको बता दें कि शहरियत तरमीमी कानून के खिलाफ एहतेजाजी मुज़ाहिरे का 74वां दिन है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से मुकर्रर किए गए सालिसकार सीनियर वकील साधना रामचंद्रन और संजय हेगड़े ने चार दिन तक मुज़ाहिरीन से बातचीत की थी। उन्हें रास्ता खोलने के लिए अपील करते हुए दूसरी जगह में मुज़ाहिरे का मश्वरा दिया था. जिसके बाद मुज़ाकरातकार ने मुज़ाहिरीन से बातचीत की रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में अदालत को सौंपी दी थी। हालांकि इससे पहले तीसरे सालिसकार हबीबुल्लाह ने हलफनामा दायर किया। जिसमें उन्होंने धरने की वजह से आ रही परेशानियों के लिए दिल्ली पुलिस को जिम्मेदार बताया था।


दिल्ली में इस कशीदा माहौल के बीच शाहीन बाग में मुज़ाहिरा जारी है. शाहीन बाग में शहरियत तरमीमी कानून के खिलाफ चल रहे एहतेजाज पर आज सुप्रीम कोर्ट ने माहौल ठीक होने की बात कह कर मामले को 23 फरवरी तक टाल दिया, सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने इस पर मुखालिफत दर्ज कराते हुए कहा कि हम पुलिस को डिमॉरलाइज़ नहीं कर सकते. हमारे एक हेड कॉस्टेबल की मौत हुई है और DCP बुरी तरह से ज़ख्मी हैं. कार्रवाई को लेकर जस्टिस कौल ने इंग्लैंड पुलिस की मिसाल देते हुए कहा कि आप इंग्लैंड पुलिस को देखिए,वह किसी हुक्म का इंतजार नहीं करती है. वह खुद कार्रवाई करती है.