सूरतः महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा भेजे गए शिवसेना के दो नेताओं ने मंगलवार को सूरत के एक होटल में शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे और अन्य विधायकों से मुलाकात की. महाराष्ट्र में महा विकास अघाडी सरकार के संकट को दूर करने को लेकर विस्तृत चर्चा की गई. करीब दो घंटे तक चली बैठक के बाद मीडिया के सवालों का जवाब दिए बिना नार्वेकर और फाटक सड़क मार्ग से मुंबई रवाना हो गए.
महाराष्ट्र में विधान परिषद (एमएलसी) चुनाव के नतीजे आने के कुछ घंटे बाद शिंदे और उनके समर्थक विधायक सोमवार देर रात सूरत के होटल में डेरा डाले हुए हैं.  विधान परिषद की 10 सीटों के लिए हुए चुनाव में, भाजपा ने उन सभी पांच सीटों पर जीत हासिल की जिन पर उसने उम्मीदवार उतारे थे.



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उद्धव के प्रति समर्थन जताने को पार्टी मुख्यालय पर जुटे शिवसैनिक
शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे और कई विधायकों के साथ संपर्क नहीं हो पाने के घटनाक्रम के बीच मुंबई पुलिस ने मंगलवार को दादर इलाके में स्थित पार्टी मुख्यालय पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की है. मंगलवार सुबह शिंदे के बगावती तेवर अपनाने की खबर सामने आने के बाद पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के प्रति समर्थन जताने के लिए सैकड़ों कार्यकर्ता शिवसेना भवन के बाहर एकत्रित होने लगे.

ठाकरे को इस्तीफा देना चाहिएः राणे 
केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता नारायण राणे ने मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस्तीफे की मांग करते हुए दावा किया कि उन्हें विधानसभा में पर्याप्त विधायकों का समर्थन नहीं है. राणे ने कहा कि अगले 24 घंटों में महाराष्ट्र में तस्वीर साफ हो जाएगी. उन्होंने दावा किया कि ठाकरे द्वारा मंगलवार को मुंबई में उनके आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ में बुलाई गई बैठक में शिवसेना के केवल 11 विधायक मौजूद थे.

विधान परिषद के चुनाव में पार्टियों को मिले मत 
विधान परिषद के चुनाव में सोमवार को भाजपा को 134 मत हासिल हुए थे, इसका मतलब है कि (288 सदस्यीय विधानसभा में) सरकार बनाने का दावा करने के भाजपा के पास 11 मत कम हैं. प्रदेश विधान परिषद की 10 सीट पर सोमवार को हुए चुनाव में भाजपा को पांच सीट जबकि शिवसेना और राकांपा को दो-दो तथा कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली थी.



छोटी पार्टियों के 29 विधायकों और निर्दलियों की भूमिका अहम 
महाराष्ट्र की महा विकास अघाडी सरकार की स्थिरता से जुडे़ संकट के बीच छोटी पार्टियों के 29 विधायकों और निर्दलीय विधायकों की भूमिका अहम हो गई है. शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के कारण 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा में एक पद खाली है. किसी भी पार्टी या गठबंधन को साधारण बहुमत के साथ सत्ता में रहने के लिए फलहाल 144 विधायकों की जरूरत होगी. 

गठबंधन की सरकार में किसकी कितनी सीटें 
महा विकास अघाडी गठबंधन की सरकार में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस शामिल हैं. गठबंधन सरकार ने 30 नवंबर, 2019 को विधानसभा के पटल पर विश्वास मत हासिल किया था, जिसमें 169 विधायकों ने गठबंधन के पक्ष में मतदान किया था. शिवसेना के पास फिलहाल 55 विधायक हैं, राकांपा के 53 विधायक हैं और कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं. भाजपा ने साल 2019 में 105 सीट जीती थीं, लेकिन उपचुनाव में राकांपा से पंढरपुर विधानसभा सीट छीनने के बाद भाजपा विधायकों की संख्या बढ़कर 106 हो गई.

13 निर्दलीय विधायकों का क्या है झुकाव 
सदन में 13 निर्दलीय हैं, जिनमें से एक राजेंद्र पाटिल येद्रवकर शिवसेना कोटे से एमवीए सरकार में मंत्री हैं. इसी तरह नेवासा से क्रांतिकारी शेतकारी पक्ष के विधायक शंकरराव गडख और प्रहार जनशक्ति पार्टी के बच्चू कडू भी शिवसेना कोटे से मंत्री हैं. प्रहार जनशक्ति पार्टी के सदन में दो विधायक हैं. तेरह निर्दलीय उम्मीदवारों में से छह भाजपा के समर्थक हैं, पांच ने शिवसेना की हिमायत की है, जबकि कांग्रेस और राकांपा को एक-एक निर्दलीय का हिमायत हासिल है. इस महीने की शुरुआत में महाराष्ट्र की छह सीट के लिए हुए राज्यसभा चुनाव में दो-दो विधायक वाली एआईएमआईएम और समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस का समर्थन किया था, जबकि बहुजन विकास अघाडी (बीवीए) के तीन विधायकों ने भाजपा की हिमायत की थी. 


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