हापुड़ः उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के एक प्राइमरी स्कूल की दो दलित छात्राओं की स्कूल पोशाक उतरवाने के मामले में दो शिक्षिकाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें निलंबित कर दिया गया है. पुलिस और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि 11 जुलाई को धौलाना तहसील के तहत आने वाले दहीरपुर के प्राइमरी स्कूल में दो शिक्षिकाओं सुनीता और वंदना ने कक्षा चार की दो दलित छात्राओं को अपनी पोशाक उतरवाकर दो अन्य छात्राओं (जो स्कूल की पोशाक में नहीं थीं) को फोटो खिंचवाने के लिए देने को कहा था. 
इन दोनों दलित छात्राओं के परिजनों ने थाने में तहरीर देकर इल्जाम लगाया है कि अध्यापिका सुनीता और वंदना ने उनकी बेटियों की पोशाक उतरवाई थी और उसे अन्य छात्राओं को पहनाकर फोटो खिंचवाई थी. 

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दोनों टीचर को निलंबित कर दिया गया
अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) सर्वेश मिश्रा ने बताया कि इस तहरीर की बुनियाद पर सोमवार को भारतीय दंड संहिता की धाराओं और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत अध्यापिकाओं के खिलाफ कपूरपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है. बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) अर्चना गुप्ता ने कहा कि घटना को संज्ञान में लेते हुए पांच दिन पहले दोनों टीचर को निलंबित कर दिया गया है. इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी को जांच के आदेश दिए गए हैं. इस मामले में अभी आरोपी शिक्षिकाओं का कोई बयान सामने नहीं आया है. 


नीट घटना की जांच करने को एनटीए ने समिति का गठन किया
वहीं, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने केरल के कोल्लम में हुई उस कथित घटना की जांच के लिए मंगलवार को एक समिति का गठन किया, जिसमें की एक अभ्यर्थी को कथित रूप से अपना अंडरवियर उतारने के लिए कहा गया था. केरल के कोल्लम जिले में 17 वर्षीय एक लड़की के पिता ने सोमवार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें इल्जाम लगाया गया कि उनकी बेटी ने नीट बुलेटिन में उल्लेखित ‘ड्रेस कोड’ का पालन किया जिसमें अंडरवियर के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है, लेकिन अभ्यर्थी को परीक्षा में बैठने के लिए अंडरवियर निकालने के लिए कहा गया.


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