किसान और केंद्र सरकार में नहीं बनी बात; प्रस्ताव ठुकराया, लगाए ये गंभीर इल्जाम
Farmers Protest: किसान आंदोलन पिछले 12 फरवरी से जारी है. इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, जिसमें सरकार ने 5 फसलों पर 5 साल के लिए MSP देने की बात कही थी.
Farmers Protest: किसान आंदोलन पिछले 12 फरवरी से जारी है. इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, जिसमें सरकार ने 5 फसलों पर 5 साल के लिए MSP देने की बात कही थी. यह प्रस्ताव 18 फरवरी को चंडीगढ़ में किसानों के साथ बातचीत के दौरान दिया गया था. हालांकि, इस प्रस्ताव पर अभी तक भारतीय किसान यूनियन (BKU) की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
किसान और सरकार में नहीं बना बात
वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है, "केंद्र सरकार ने मक्का, कपास, अरहर/तूर, मसूर और उड़द की फसल पर A2+FL+50% के फॉर्मूले पर MSP देने की बात कही है, लेकिन यह असल मांगों को कमजोर करने की कोशिश है." वहीं, किसान यूनियन ने की मांग है कि C2+50% के फॉर्मूले पर सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाएगा.
संयुक्त किसान मोर्चा ने क्या कहा?
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा, "साल 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में फसलों को MSP पर खरीदने की गारंटी दी थी, जिसे वह पूरा नहीं कर रही है. किसानों के साथ बातचीत में सरकार ने अभी यह नहीं बताया है कि वे MSP किस फॉर्मूले को लागू कर देंगे."
किसानों ने सरकार की निंदा
इसके साथ ही किसान संगठन ने कहा, "इसके अलावा केंद्रीय मंत्रियों ने किसानों की कर्ज माफी, बिजली बोर्ड के प्राइवेटाइजेशन, 60 साल के ऊपर के किसानों को 10 हजार रुपये पेंशन और लखीमपुर खीरी कांड में न्याय के सवाल पर चुप्पी साध रखी है." इसके साथ ही किसानों ने हरियाणा सरकार की निंदा की है. चूंकि किसान आंदोलन पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर जारी है. इस बीच किसान संगठनों ने पुलिस पर इल्जाम लगाया है कि किसानों पर रबर बुलेट्स का इस्तेमाल किया गया है, जिससे तीन किसानों की आंखों की रोशनी चली गई है.