आगरा: दुनिया के सात अजूबों में शामिल हिंदुस्तान की खूबसूरत इमारत ताजमल पर कोरोना बोहरान की वजह से जो ग्रहण लगा था, वो अब छंटता हुआ नज़र आ रहा है. कई महीनों से बंद पड़े ताजमहल को आखिरकार 6 जुलाई को सय्याहों के लिए खोल दिया जाएगा. ताज के दीदार की ख्वाहिश लिए सैलानियों के लिए तो ये खुशी की बात है ही, उन तमाम लोगों के चेहरे पर भी रौनक आ गई है जिनकी रोजी-रोटी का सहारा ही ताजमहल है. हालांकि इस दौरान कुछ कानून पर अमल करना ज़रूरी होगा. 


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ताजमहल के खुलने से सियाहत के कारोबार से जुड़े लोग काफी खुश हैं. ताजमहल के बन्द हो जाने से इस कारोबान से जुड़े लोग बेरोजगारी की कगार पर आ गए थे. ऐसे में लोगों का कहना है कि वे ताजमहल खुलने की खबर का इसतकबाल करते हैं. ताजमहल के बंद होने से गाइड, दुकानदार, रिक्शा चालक, होटल्स, सब पर फर्क पड़ा था. अब ताज खुलने से फिर से लोगो को रोजगार मिल सकेगा. 


ताज महल के साथ-साथ लाल किला और कुतुब मीनार समेत मुल्क की 6 अहम यादगार जुलाई से खुल जाएंगे. वज़ारते सकाफत के मुताबिक आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) के ज़रिए चलाए जा रहे सभी स्मारक 6 जुलाई से अवाम के लिए फिर खुल जाएंगे. इससे पहले जून में वज़ारते सकाफत ने एएसआई के रख-रखाव वाले 3,000 से ज्यादा यादगारों में से 820 को फिर खोल दिया था, जहां मज़हबी प्रोग्राम होते हैं. कोरोना वायरस बोहरान के मद्देनजर 17 मार्च से मरकज़ी हुकूमत के ज़रिए चलाई जा रही 3,691 यादगारें और आसारेकदीमा (आर्कियोलॉजिकल) मकाम बंद थे, जिनकी देखभाल एएसआई करता है.


इन मकामात में दाखिले  के लिए इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ही टिकट जारी किए जाएंगे. पार्किंग और कैंटीन में सिर्फ डिजिटल अदायगी की जा सकेगी. वज़ारत की जानिब से जारी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिड्यूर (SoP) के मुताबिक चुनिंदा मकामात में सय्याहों की तादाद की एक हद तय होगी. सय्याह सोशल डिस्टेंसिंग के कानून पर अमल करेंगे. कानून के मुताबिक दाखिली दरवाज़े पर हाथ धोने या सैनिटाइज करने और थर्मल स्कैनिंग का लाज़मी इंतेज़ाम होगा. आगरा के ताज महल में एक स्लॉट में 2500 सय्याह जा सकेंगे.