NITI Aayog Report: नीति आयोग ने सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा कि नौ साल से 2022-23 तक 24.82 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले, जिसमें उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई. रिपोर्ट में बताया गया है कि यूपी में सबसे ज्यादा 6 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में बहुआयामी गरीबी 2013-14 में 29.17 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 11.28 प्रतिशत हो गई, जो 17.89 प्रतिशत अंकों की कमी दर्शाती है, इस अवधि के दौरान लगभग 24.82 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकल गए.


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पीएम मोदी ने किया ट्वीट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर एक ट्वीट में कहा, "बहुत उत्साहजनक, समावेशी विकास को आगे बढ़ाने और हमारी अर्थव्यवस्था में परिवर्तनकारी बदलावों पर ध्यान केंद्रित करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. हम सर्वांगीण विकास की दिशा में काम करना जारी रखेंगे और हर भारतीय के लिए समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करेंगे." रिपोर्ट के मुताबिक भारत में अब 11.28 फीसद लोग गरीब हैं. 41.3 फीसद लोग ऐसे हैं जिनके पास अपना मकान नहीं है. 31 फीसद लोगों के पास टॉयलेट नहीं है. 44 फीसद लोगों के पास रसोई गैस कनेक्शन नहीं है. यह रिपोर्ट 12 मानकों की बुनियाद पर तैयार हुई है.


यह है गरीबी रेखा की सीमा
बता दें कि विश्व बैंक ने दिन में 180 रुपये से कम कमाने वालों को गरीबी रेखा से नीचे माना है. रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में 18.73 फीसद लोग गरीब थे जो 2021 में 11.90 फीसद बचे हैं. नीति आयोग ने जो रिपोर्ट जारी की है, उसके हिसाब से यूपी में 5.94 फीसद लोग गरीबी रेखा से ऊपर आए हैं. इसके अलावा मध्य प्रदेश और बिहार में 2.3 और 1.87 फीसद लोग गरीबी रेखा से ऊपर आए हैं.


बिहार की हालत खराब
गरीबी के मामले में बिहार सबसे टॉप पर है. यहां पर सबसे ज्यादा गरीबी है. यहां 26.59 फीसद आबादी गरीब है. इसके बाद आता है झारखंड का नंबर. झारखंड में 23.34 फीसद लोग गरीब हैं. यूपी में 17.40 तो मध्य प्रदेश में 15.01 फीसद लोग गरीब हैं. अगर बात करें सबसे कम गरीबों वाले प्रदेश की तो केरल सबसे कम गरीब देश है.