मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: सीतापुर जेल में बंद रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. यूपी सरकार ने पूर्व में आजम खान को मिली एक दर्जन से अधिक मुकदमों की जमानतों को निरस्त करने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की है. जिस पर कोर्ट ने आजम खान को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है, लेकिन अभी तक आजम खान का पक्ष कोर्ट में नहीं रखा जा सका है, जिसके बाद एक बार फिर से आजम खान के वकीलों ने अपना पक्ष रखने के लिए कोर्ट से समय मांगा है.


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फिलहाल कोर्ट ने आजम खान की इस मांग को स्वीकार करते हुए 22 मार्च तक का समय दिया है, लेकिन माना जा रहा है कि की अगर तय समय सीमा के अंदर जवाब दाखिल नहीं हुआ तो आजम खान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.


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कोर्ट ने आजम खान से किया था यह सवाल
दरअसल, सरकार की तरफ से दाखिल की गई अर्जी में आजम खान को पूर्व में मिली जमानत को निरस्त करने की मांग की गई है. जिस पर पिछले दिनों सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आजम खान को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था. लेकिन तय की गई तारीख पर आजम खान की तरफ से कोर्ट में जवाब दाखिल नहीं किया गया. जिसके बाद कोर्ट ने जेल अधीक्षक के जरिए उन्हें नोटिस तामील करने का आदेश दिया था, जिसमें कोर्ट ने आजम खान से पूछा है कि वह अपना वकील कोर्ट में रखेंगे या फिर उनका पक्ष रखने के लिए कोर्ट अपनी तरफ से न्याय मित्र की नियुक्ति करे. जिसके बाद आजम खान की तरफ से एक वकालतनामा कोर्ट में दाखिल करने की जानकारी दी गई.


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आजम खान की तरफ से सीनियर अधिवक्ता नजरुल इस्लाम जाफरी के साथ अन्य अधिवक्ता कोर्ट में हाजिर हुए और जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय मांगा है. फिलहाल कोर्ट ने आजम खान की तरफ अधिवक्ताओं की इस मांग को स्वीकार करते हुए 22 मार्च तक के लिए समय दे दिया है. मामले की सुनवाई जस्टिस राजीव गुप्ता की कोर्ट में चल रही है.


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