खेलते-खेलते दो भाईयों को चींटियों ने काटा, अस्पताल ले जाते वक़्त एक की हुई मौत
Bageshwar News: उत्तराखंड के बागेश्वर में एक दर्दनाक हादसा पेश आया. जहां आंगन में खेल रहे दो सगे भाईयों को ज़हरीली चींटियों ने काट लिया, जिसमें तीन साल के बच्चे की मौत हो गई.पढ़िए पूरी ख़बर
Bageshwar News: उत्तराखंड के बागेश्वर में एक दर्दनाक हादसा पेश आया. जहां आंगन में खेल रहे दो सगे भाईयों को ज़हरीली चींटियों ने काट लिया, जिसमें तीन साल के बच्चे की मौत हो गई. दो सगे भाई जिसमें एक बच्चे सागर की उम्र तीन साल और दूसरे बच्चे प्रियांशु की उम्र पांच साल थी. दोनों आंगन में खेल रहे थे कि अचानक चींटियों ने उन्हें काट लिया जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई. घरवाले दोनों बच्चों को लेकर ज़िला अस्पताल पहुंचे लेकिन अस्प्ताल पहुंचने से पहले ही सागर ने दम तोड़ दिया.
एक बच्चे की मौत
ज़िला अस्पताल से मिली ख़बर के मुताबिक़, तीन साल के सागर की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो गई थी. बागेश्वर के कपकोट तहसील के पौसारी गांव में ज़हरीली चींटियों के काटने से तीन साल के बच्चे की मौत हो गई. उसके बड़े भाई को भी चींटियों ने काटा था, लेकिन अब उसकी हालत में सुधार है. भूपेश राम के दोनों बच्चे प्रियांशु और सागर आंगन में खेल रहे थे कि अचानक दोनों भाईयों को चींटियों ने काट दिया. दोनों बच्चों की तबीयत बिगड़ने पर अहलेख़ाना दोनों को ज़िला अस्पताल लेकर गए लेकिन रास्ते में ही छोटे बेटे ने दम तोड़ दिया. इस पूरे मामले में डॉ. मिश्रा का कहना है कि घरवालों ने बच्चों को अस्पताल लाने में देर कर दी.वहीं चींटियों के हमले में मासूम की जान जाने से अहलेख़ाना सदमे में हैं.
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ख़तरनाक होती है बुलेट चींटी
लाल रंग की बुलेट चींटी या रेड फायर चींटी काफी ज़हरीली मानी जाती है. इन चींटियों के काटने पर अगर फौरी तौर पर इलाज न मिले तो किसी की भी जान जा सकती है. ज़िले में चींटियों के काटने से मौत का पहला मामला बागेश्वर ज़िले से सामने आया है. एसीएमओ डॉ. हरीश पोखरिया का कहना है कि अब तक ज़िले से चींटियों के काटने से मौत का कोई मामला सामने नहीं आया था.
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