विपक्षी सांसदों ने JPCC की राह में अटका दिया रोड़ा; नहीं करेंगे 5 राज्यों का दौरा
Waqf Amendment Bill: वक्फ अमेंडमेंट बिल पर विचार करने के लिए बनाई गई समिति में शामिल विपक्षी दलों ने पांच राज्यों के दौरे का बहिष्कार किया है. असदुद्दीन उवैसी का कहना है कि यह समिति का अधिकार नहीं है.
Waqf Amendment Bill: वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार कर रही संयुक्त संसदीय समिति (JPCC) में शामिल विपक्षी सदस्यों ने समिति के पांच राज्यों के दौरे का हिष्कार करने का फैसला किया है. समिति नौ नवंबर से पांच राज्यों के दौरे की शुरुआत करने वाली है. विपक्षी सदस्यों ने समिति के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद जगदम्बिका पाल पर मनमाने ढंग से काम करने का आरोप लगाया.
एकतरफा काम नहीं कर सकती समिति
AIMIM प्रमुख और समिति के सदस्य असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "वक्फ विधेयक संबंधी संयुक्त समिति के अध्यक्ष हाल ही में कुछ स्थानीय मामले को देखने के लिए कर्नाटक गए थे. समिति के पास जांच के अधिकार नहीं हैं, इसका काम केवल विधेयक पर गौर करना है. इसके अलावा अध्यक्ष एकतरफा कार्य नहीं कर सकता और समिति को सामूहिक रूप से कार्य करना होगा." उन्होंने कहा, "हमने पहले ही कर्नाटक में एक ‘परामर्श’ आयोजित किया था. हम संसदीय प्रक्रिया से बंधे हैं इसलिए समिति के गठन के बाद से अध्यक्ष के प्रश्नयोग्य आचरण पर स्पष्टीकरण देने की स्थिति में नहीं हैं. मुझे उम्मीद है कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला समिति के अध्यक्ष के व्यवहार पर ध्यान देंगे."
व्यस्त है कार्यक्रम
तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि जेपीसी के अध्यक्ष पाल ने छह दिनों में गुवाहाटी, भुवनेश्वर, कोलकाता, पटना और लखनऊ में बैठकों का व्यस्त कार्यक्रम तय किया है तथा बीच में रविवार की छुट्टी है. बनर्जी ने पार्टी सांसद नदीमुल हक के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही. उन्होंने कहा, "संसदीय समिति के सभी विपक्षी सदस्यों ने इन दौरे और बैठकों का बहिष्कार करने का फैसला किया है क्योंकि अध्यक्ष मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं." उनका कहना था कि आगे की रणनीति विपक्ष के सदस्य मिलकर तय करेंगे.
समिति से बात करने के लिए अध्यक्ष राजी
बनर्जी ने कहा कि संसदीय समिति में शामिल विपक्षी सदस्यों ने पांच नवंबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की थी और समिति के कार्यक्रम को स्थगित करने और जेपीसी की बैठकों के दिनों की संख्या को सप्ताह में दो दिन से घटाकर सप्ताह में एक दिन या एक पखवाड़े में लगातार दो दिन करने की मांग की. उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ने मौखिक रूप से उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने और समिति के अध्यक्ष से बात करने पर सहमति व्यक्त की थी, लेकिन उसके बाद कुछ नहीं हुआ.
देशहित में नहीं भाजपा के लोग
बनर्जी ने यह भी आरोप लगाया कि समिति के अध्यक्ष जिस प्रक्रिया के तहत आगे बढ़ रहे थे वह स्थापित संसदीय मानदंडों का उल्लंघन है. उन्होंने दावा किया कि सत्तारूढ़ दल के सदस्य देश हित में नहीं, बल्कि अपने एजेंडे के अनुसार काम कर रहे हैं. बनर्जी ने कहा कि सांसदों को अपने क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण काम होते हैं तथा जेपीसी की सप्ताह में दो दिन होने वाली बैठकों का उनके व्यस्त कार्यक्रम पर असर पड़ रहा है. उन्होंने कहा, "वक्फ संपत्ति हितधारकों को पर्याप्त समय नहीं दिया जा रहा है, जबकि वक्फ संशोधन विधेयक से कोई सरोकार नहीं रखने वाले संगठनों को बैठकों में बुलाया जा रहा है."