Madhopur Champaran News: बिहार के नरकटियागंज का माधोपुर बैरिया गांव इन दिनों काफी सुर्खियों में है. ये एक ऐसा गांव है जहां हिन्दू और मुसलमानों की एक बड़ी तादाद आपस में मिलजुल कर रहती है. इस गांव का भाईचारा लोगों के लिए एक मिसाल है. यहां सब लोगों ने मिलकर श्रीराम मंदिर के निर्माण की जिम्मेदारी उठाई है. गांव के लोगों ने हिन्दू- मुस्लिम एकता की मिसाल क़ायम की है. इस गाांव में दोनों समुदायों के बीच प्रेम के साथ जीवन यापन करते हुए एक दूसरे के दुख-सुख में साथ खड़े रहते हैं.  दरअसल, अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. यह खबर जैसे ही बिहार के पश्चिम चम्पारण के माधोपुर बैरिया गाँव में पहुंची, वहां के लोगों ने भी गांव में ही राम मंदिर बनाने का मन बना लिया.


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चंदा करके जमा की रकम
नरकटियागंज के माधोपुर बैरिया गांव में श्रीरामजानकी मंदिर का भव्य निर्माण हो रहा है. गांव के हिन्दू और मुस्लिम भाई बढ़-चढ़ कर इसमें हिस्सा ले रहे हैं. श्रीरामजानकी मंदिर बनाने के लिए ग्रामीणों ने आपस में बैठक की और गांव में मंदिर बनाने का रास्ता साफ हो गया. ग्रामीण रामजी साह ललन शाह और लक्ष्मण शाह ने मंदिर बनाने के लिए तीन कट्ठा जमीन दान कर दी. मंदिर बनवाने के लिए 15 लोगों की कमिटी बनाई गई, जिसमे पांच मुसलमान सदस्य शामिल है. कमिटी ने अपना काम शुरू किया और गांव के सभी लोगों ने मिलकर मंदिर के नाम पर तीस लाख की बड़ी रकम चंदा करके जमा की है.



कौमी एकता की मिसाल
मंदिर का भूमि पूजन किया जा चुका है और काम बहुत तेजी से जारी है. इस सिलसिले में दोनों समुदाय के लोगों का कहना है कि एक साल के अंदर मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा. खास बात ये है कि इसमें मजदूर नहीं लगाए गए है बल्कि 10 मुस्लिम और 10 हिन्दू भाई मंदिर बनाने में अपना श्रमदान देने आते हैं. गांव के लोगों ने एक लिस्ट तैयार करके ये तय किया है कि कौन-कौन लोग किस दिन श्रमदान देंगे. गांव के लोगों में मंदिर बनाने को लेकर काफी जोश नजर आ रहा है. मकामी लोगों ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि श्रीरामजानकी मंदिर सिर्फ आस्था का मंदिर ही नहीं बल्कि भाईचारे की मिसाल है. वहीं मंदिर कमिटी के अध्यक्ष और सदस्य राजा मिश्रा समीर मौलाना नजीर अहमद सजरुल हक ने बताया की मंदिर की तामीर का काम एक साल के अंदर पूरा कर लिया जायेगा और यह मंदिर कौमी एकता की मिसाल पेश करेगा.