Difference Between MD and CEO: किसी भी कंपनी या ऑर्गेनाइजेशन की तरक्की में एक बेहतर मैनेजमेंट का बहुत अहम रोल होता है. कंपनी के कुछ खास लोग अपनी मेहनत से कंपनी को एक उंचाई पर पहुंचाते हैं. इस काम के लिए हर कंपनी में एक एमडी और सीईओ होते हैं, जिनके अंदर ऑफिस के कर्मचारी काम करते हैं.  लेकिन क्या आप जानते हैं कि MD और CEO में क्या खास अंतर होता है.  


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भारत के विकास में औद्योगिक डिपार्टमेंट की काफी अहम भूमिका है. पूरे GDP का 3.8 फीसद हिस्सा औद्योगिक क्षेत्र से आता है. जो साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है. अब सरकारी डिपार्टमेंट से ज्यादा युवा निजी क्षेत्र में काम कर रहे हैं.  ऐसे में इन निजी कंपनियों को एक बेहतर नेतृत्व की जरूरत पड़ती है. इसलिए सभी कंपनियों में MD और CEO जैसे बड़े जिम्मेदार पोस्ट होते हैं. 


MD ( Managing Director): 
ये पद किसी भी कंपनी के सबसे उंचे पदों में शामिल है. MD के हाथ में कंपनी के हर दिन के काम की जिम्मेदारी होती है. इसके साथ-साथ ये कंपनी के मैनेजमेंट विभाग का मुखिया होता है. कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए एमडी नए बिजनेस आइडिया और तरह-तरह की प्लानिंग पर विचार करते हैं. ये अपने काम की जानकारी कंपनी के चेयरमैन को देते हैं. MD के पास कंपनी के मैनेंजमेंट की जिम्मेदारी होती है. ये बोर्ड ऑफ मेंबर्स के सदस्य होते हैं. कंपनी के किसी प्रकार के शेयर होल्डर्स के लिए MD ही जिम्मेदार होते हैं. 


CEO (Chief Executive Officer):
इनके पास MD से कम जिम्मेदारी होती है. लेकिन इनका पोस्ट MD से कहीं ज्यादा होता है. ये कंपनी को एक नए विजन के साथ आगे बढ़ाने का काम करते हैं. किसी भी कंपनी के ग्रोथ के लिए CEO सबसे जिम्मेदार पद माना जाता है. ये कंपनी के नए आइडिया पर कर्मचारी को गाइड और मोटिवेट रखने का काम करते हैं. कंपनी के किसी प्रकार के शेयर होल्डर्स के लिए CEO की कोई जिम्मेदार नहीं होती है.