टेलीकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने फेसबुक, व्हाट्सऐप और टेलीग्राम जैसे बड़े-बड़े प्लेटफॉर्म्स की परेशानियां बढ़ा दी हैं. दरअसल उन्होंने कहा है कि इन कंपनियों को भी टेलिकॉम बिल के तहत जोड़ा जाएगा. उनके इस बयान के बाद सीधा नजर आ रहा है कि अब इन कंपनियों को भी लाइसेंस लेना होगा. दरअसल वॉट्सऐप, फेसबुक मैसेंजर समेत कई ऐप्स इंटरनेट कॉलिंग और मैसेजिंग की सूहलियत मुहैया कराने के लिए पहचानी जाती हैं. इसी तरह की सर्विस टेलीकॉम कंपनियां देती हैं, जिन्हें भारत सरकार से लाइसेंस लेना पड़ता है.


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क्या है भारत में दूरसंचार की स्थिति
हमारी सहयोगी वेबसाइट इंडिया डॉट कॉम ने जराए के हवाले बताया कि हिंदुस्तान इस समय 118.92 करोड़ कस्टमर्स के साथ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा दूरसंचार बाजार है. जिसमें मोबाइल टेलीफोन कनेक्शन 116.83 करोड़ और लैंडलाइन टेलीफोन कनेक्शंस 2.09 करोड़ हैं. 


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6-10 महीने में आ सकता है नया बिल
इसके अलावा नया दूरसंचार बिल 6-10 महीनों में आने की उम्मीद है, लेकिन सरकार जल्दी में नहीं है. विधेयक की समयसीमा के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा,"हम अंतिम मसौदा तैयार करेंगे. वह मसौदा संसद की समिति प्रक्रियाओं से गुजरेगा. फिर इसे संसद में ले जाया जाएगा. उन्होंने बताया कि मुझे 6 से10 महीने की समय-सीमा दिखाई देती है, लेकिन हम जल्दी में नहीं हैं.


दूरसंचार विभाग ने मसौदा विधेयक पर 20 अक्टूबर की समय सीमा तय की है. बताया जा रहा है कि इस बिल में तीन कानून को बदले जा सकते हैं. 
1. भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम- 1885
2. भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम-1933 
3. टेलीग्राफ तार (गैरकानूनी कब्जा) अधिनियम- 1950