Islamic Knowledge: इस्लाम में घमंड के बारे में बताया गया है. जो शख्स घमंड करेगा वह जन्नत में नहीं जा सकेगा. हदीस में इसके बारे में जिक्र है.जो शख्स सिर्फ अपने को सबसे अच्छा और दूसरों को तुच्छ समझता है वह घमंडी कहलाता है. इस्लाम में बताया गया है कि अल्लाह ताला घमंड को पसंद नहीं करता. इस्लाम में बताया गया है कि अल्लाह ताला खूबसूरत है और वह खूबसूरती को पसंद करता है. लेकिन जो शख्स अपनी खूबसूरती, माल और दौलत पर घमंड करे. वह जन्नत में नहीं जा सकेगा. 


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घमंडी होने के नुक्सान


घमंडी शख्स को दुनिया में भी नहीं पसंद किया जाता है. जो हर काम में अपनी ही बड़ाई करता है उसे लोग नहीं पसंद करते.
घमंडी शख्स अक्सर घाटे में रहते हैं. वह अपने आपको सबसे बेहतर समझते हैं लेकिन वक्त पड़ने पर उनका कोई साथ नहीं देता है.
घमंड करने वाला शख्स दूसरों की परेशानी नहीं समझता है. ऐसे में वह किसी की मदद नहीं करता है. इसके बाद जब उसको किसी चीज की जरूरत होती है तो उसकी भी कोई मदद नहीं करता.
घमंडी शख्स अपने आपको अच्छा समझकर अपने आम में ही गुम रहता है. उसके बाद एक वक्त ऐसा आता है कि वह मायूसो हो जाता है.
इंसान सामाजिक प्राणी है. अगर वर लोगों को तुच्छ समझकर लोगों को बातचीत करना और मिलना जुलना छोड़ देता है तो वह डिप्रेशन का शिकार हो जाता है.
इस्लाम में बताया गया है कि जो शख्स अल्लाह का हुक्म न अदा करे, उसकी नाफरमानी करे वह भी घमंडी है. कुरान में अल्लाह ताला फरमाता है "बेशक वह मगरूरों को पसंद नहीं फरमाता." (सूरा: अल-नहल, 23)


घमंड पर हदीस


घमंड के बारे में हदीस में है कि "अल्लाह के रसूल (स.) ने फरमाया: जिस शख्स के मन में जरा भी घमंड होगा, वह जन्नत में न जा सकेगा. इस पर एक शख्स ने पूछा: आदमी चाहता है कि उसके जूते और कपड़े अच्छे हों (तो क्या इसे भी घमंड समझा जायेगा?) नबी (स.) ने फरमाया: नहीं, यह घमंड नहीं है. अल्लाह तो जमील और खूबसूरत है और जमाल व खूबसूरती को पसंद करता है. घमंड यह है कि अल्लाह का हक अदा न किया जाए, उसकी नाफरमानी की जाए और उसकी नाफरमानी की जाए और उसके बंदों को तुच्छ और नीचा समझा जाए."