चंडीगढ़ः भारत के विवादित इस्लामी उपदेशक और भगोड़े जाकिर नाइक को कतर में आयोजित फीफा विश्व कप के उदघाटन सत्र में आमंत्रित करने पर भारत भड़क गया है. ऐसी खबरों के बीच केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि उन्हें यकीन है कि भारत इस मामले पर संबंधित देशों के उच्चायुक्तों के सामने कड़े शब्दों में अपना विरोध दर्ज कराएगा. आवास और शहरी मामलों के मंत्री पुरी ने हालांकि साथ ही यह भी कहा कि उन्हें नाइक को फीफा वर्ल्ड कप में निजी तौर पर निमंत्रण देकर बुलाए जाने की कोई आधिकारिक जानकारी अभी नहीं मिली है. पुरी चंडीगढ़ में एक कार्यक्रम से इतर सहाफियों से बात कर रहे थे. 
फीफा में जाकिर नाइक की मौजूदगी को लेकर सोशल मीडिया पर भी काफी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है. कुछ लोग जहां इसे गलत नहीं मान रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे भारत विरोधी कदम तक करार दे रहे हैं. फीफा की शुरूआत कुरान की आयतों पढ़कर करने पर भी भारत में कुछ लोग सवाल उठा रहे हैं. 

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जाकिर नाइक पर लगे हैं ये इल्जाम 
गौरतलब है कि जाकिर नाइक कथित तौर पर 2016 में भारत छोड़कर मलेशिया चला गया था, जहां उसे स्थाई नागरिकता प्रदान की गई थी. भारत मलेशिया से जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध भी कर चुका है. जाकिर नाइक पर हवाला कारोबार से विदेशों से पैसों का लेन-देकर करने का इल्जाम है. इसके अलावा बांग्लादेश में एक आतंकी हमले में मारे गए आतंकवादी के जाकिर नाइक के अनुयायी होने की खबर आने के बाद से भारत में जाकिर नाइक को निशाना बनाया जाने लगा था. 
जाकिर नाइक एक धार्मिक उपदेशक है, जिसके उपदेश से भारत सहित दुनिया भर में लाखों लोग इस्लाम धर्म स्वीकार कर चुके हैं. भारत में जाकिर नाइक के अनुयायी मानते हैं कि जाकिर नाइक की वजह से बहुत सारे लोग इस्लाम स्वीकार कर रहे थे, इस वजह से सरकार और दक्षिणपंथी संगठन नाइक को हिंदू धर्म के लिए एक तरह से खतरा मानते हैं. इस वजह से अपनी गिरफ्तारी के खतरे को भांप कर जाकिर नाइक ने भारत छोड़ दिया था. 
 


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