अहमदाबादः गुजरात के बनासकांठा जिले के एक गांव में एक ग्राम पंचायत में सरपंच के नाम से दुकानदारों और निवासियों के नाम से एक कथित नोटिफिकेशन जारी किया गया है. इसमें मुस्लिम विक्रेताओं से कुछ भी नहीं खरीदने का फरमान जारी किया गया है. नोटिफिकेशन में कहा गया है कि अगर किसी को मुस्लिम दुकानदारों से सामान खरीदते देखा गया, तो उस पर 5,100 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा और इस रकम का इस्तेमाल ’गौशाला’ के लिए किया जाएगा. वघासन गांव जिले के थराड तालुका में गुजरात -राजस्थान की सीमा के नजदीक है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लेटर पर सरपंच के ’हस्ताक्षर’ के साथ मुहर भी 
30 जून के पत्र में जिक्र किया गया है कि 18 जून को उदयपुर में एक टेलर मास्टर की हत्या के बाद यह नियम लागू किया गया है. लेटर पर सरपंच के ’हस्ताक्षर’ के साथ मुहर भी है. पांच सदस्यों ने पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें एक नाम गुजराती में लिखा है- पटेल जेठाभाई. जब सरपंच, पटेल माफीबेन वीराभाई से राब्ता किया गया, तो उनके पति वीराभाई पटेल ने फोन कॉल उठाई और बताया कि मेरी पत्नी पिछले नवंबर से अब सरपंच नहीं है.

कोई हमारी छवि खराब करने की कोशिश कर रहाः पंचायत मेंबर 
वीराभाई ने कहा कि मैं भी ग्राम प्रशासन का मेंबर हूं. हममें से किसी ने भी वह पत्र नहीं लिखा है. हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इसे किसने लिखा, दस्तखत किया और मुहर लगाई. हमारे गांव में पटेल जेठाभाई नाम का कोई नहीं है. कोई हमारी छवि खराब करने की कोशिश कर रहा है. इस लेटर पर प्रतिक्रिया देते हुए बनासकांठा के थराड निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस विधायक गुलाब सिंह राजपूत ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक मुल्क है और कोई भी इस तरह का ’फरमान’ जारी नहीं कर सकता. यह सत्ता और ओहदे का दुरुपयोग है.

पंचायत फिलहाल एक प्रशासक के अधीन, लेटर फर्जी 
बनासकांठा के जिला विकास अधिकारी स्वप्निल खरे ने कहा कि वघासन ग्रुप ग्राम पंचायत के लेटरपैड पर जारी आदेश पर जिस शख्स ने दस्तखत किए हैं, उसे ऐसा करने का हक नहीं है, क्योंकि पंचायत फिलहाल एक प्रशासक के तहत है और सरपंच ओहदे के लिए चुनाव होना है. खरे ने कहा कि प्रशासक ने सफाई जारी कर कहा है कि जारी किया गया लेटर बेबुनियाद है और किसी को उसका अनुपालन करने की जरूरत नहीं है. अफवाहें फैलाने वाले के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी.


Zee Salaam