Akhilesh Yadav Gift: आपने अक्सर रिलेशनशिप में देखा होगा कि कोई लड़का या लड़की एक दूसरे को महंगा तोहफा देते हैं लेकिन जब वो अलग होते हैं तो अपना तोहफा वापस मांग लेते हैं. एक ऐसा ही मामला सियासी गलियारों में सामने आया है. जो सुर्खियों में छाया हुआ है और तोहफा वापस मांगने वाला कोई आम आदमी नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव हैं. 


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जी हां आपने सुना, सपा प्रमुख ने केशव देव मौर्य से तोहफे में दी गाड़ी फार्च्यूनर वापस मांग सकते हैं. इसकी वजह की बात करें तो वो यह है कि केशव देव मौर्य ने अखिलेश के साथ गठबंधन तोड़ लिया है. मौर्य ने बताया है कि अखिलेश यादव ने उन्हें यह कार असेंबली चुनाव के दौरान तोहफे में दी थी और उन्हें यह गाड़ी वापस करने की बात अखिलेश यादव के एक सलाहकार ने फोन के ज़रिए कही है. 


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इससे नाराज़ होकर केशव देव मौर्य ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि मैं पैदल नहीं हुआ है और मैं कान पकड़ता हूं कि अब किसी से तोहफा नहीं लूंगा, ना सिर्फ बाहर के लोगों से बल्कि घर के लोगों से भी कोई गिफ्ट नहीं लूंगा. उन्होंने बताया कि मुझे वो कार दीपावली के मौके पर गिफ्ट में मिली थी और वो गाड़ी समाजवादी पार्टी के नाम से ही थी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर कोई अखिलेश यादव जी को शादी या विवाह में बुलाए तो होशियार रहें कहीं आपको दिया गिफ्ट भी वापस ना मांग लें. 


"अखिलेश यादव को नहीं दुश्मनों की जरूरत"
उन्होंने कहा कि अगर आज अखिलेश यादव के पास नेता जी (मुलायम सिंह यादव) की तरह जनाधार के सलाहकार होते तो वो उनसे जरूर यह कहते,"अभी जल्दबाज़ी मत करिए, अगर केशव जी नाराज हैं तो थोड़ा इंतेजार करिए, गुस्सा उतर जाएगा तो बुलाइएगा और समझाइएगा हो सकता है कि बात बन जाए." उन्होंने आगे कहा कि अखिलेश यादव का यह दुर्भाग्य है कि उनके पास ऐसा दोस्त हैं कि उन्हें दुश्मनों की जरूरत ही नहीं. 


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