कितना जोखिम है इन्साफ मांगने में, FIR दर्ज करने की मांग पर पुलिस ने पुलिस को धुना; देखें Video
Sukma Viral Video shows cop thrashing subordinate: यह मामला छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले का है, जहां पीड़ितों का मुकदमा दर्ज करने की मांग पर एक पुलिस वाले ने अपने अधीनस्थ पुलिसकर्मी को सरेआम धो दिया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
रायपुरः छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले सुकमा में एक पुलिसकर्मी का अपने अधीनस्थ की सरेआम पिटाई करते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. घटना का वीडियो वायरल होने के बाद अफसरों ने इस मामले के जांच के आदेश दिए हैं. पुलिस अफसरों ने मंगलवार को बताया कि घटना के बाद थाने में तैनात दोनों पुलिसकर्मियों सहित एक पुलिस अफसर को भी लाइन हाजिर कर दिया गया है. पुलिस के मुताबिक ये घटना इस महीने की 23 तारीख की है.
पुलिस कर्मियों को पुलिस लाइन भेजा गया
सुकमा जिले के पुलिस अधीक्षक सुनील शर्मा ने मंगलवार को बताया कि गोलापल्ली थाने में पदस्थ हवलदार मंगलू राम दुग्गा और सहायक आरक्षक माडवी जोगा के बीच मारपीट का वीडियो सामने आया है. इसके बाद दोनों पुलिस कर्मियों को पुलिस लाइन भेज दिया गया है. इसके अलावा घटना के दौरान ड्यूटी अधिकारी सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) देवराज नाग को भी थाने से हटाकर पुलिस लाइन भेजा गया है. इस मामले की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) को सौंपी गई है. पुलिस ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी.
मारपीट के वक्त दोनों वर्दी में नहीं हैं
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में हवलदार दुग्गा सहायक आरक्षक जोगा को पीटते नजर आ रहे हैं. मारपीट के वक्त दोनों वर्दी में नहीं हैं. वीडियो में उनके आसपास कुछ ग्रामीण खड़े नजर आ रहे हैं. मारपीट के इस वीडियो में दुग्गा, जोगा को गालियां देते भी दिख रहे हैं, और पूछ रहे हैं कि वह किसके खिलाफ कार्रवाई करेगा? वहीं कुछ मकामी लोगों का कहना है कि हाल ही में दो समुदायों के बीच हुए विवाद को लेकर दुग्गा और जोगा के बीच विवाद हुआ था, जिसके बाद मारपीट हुई है.
क्या है पूरा मामला ?
छत्तीसगढ़ क्रिश्चियन फोरम (सीसीएफ) का कहना है कि गोलापल्ली गांव में ईसाई समुदाय के लोगों पर स्थानीय ग्रामीणों ने कथित तौर पर हमला कर दिया था. हमलावरों पर कार्रवाई की मांग करने के बाद सहायक आरक्षक को उसके वरिष्ठ ने पीट दिया. सीसीएफ के अध्यक्ष अरुण पन्नालाल ने कहा, “21 अक्टूबर की रात, कुछ स्थानीय लोगों ने गांव में ईसाई परिवारों पर हमला कर मारपीट की थी. घटना के बाद पीड़ितों ने अगले दिन पुलिस से संपर्क किया, लेकिन उनकी शिकायत दर्ज नहीं की गई.“ पन्नालाल ने कहा, ’’23 अक्टूबर को पीड़ित ग्रामीण फिर से मुकदमा दर्ज कराने के लिए थाने गए लेकिन वहां उनके साथ बदतमीजी की गई.’’ पन्नालाल ने दावा किया है कि ईसाई समुदाय से ताल्लुक रखने वाले सहायक आरक्षक जोगा ने आपत्ति जताई और अपने वरिष्ठों से इस मामले में कार्रवाई करने को कहा, इसी बात पर हवलदार ने उनकी पिटाई कर दी. पन्नालाल का दावा है कि जोगा के परिवार के सदस्यों के साथ भी मारपीट की गई थी. उन्होंने कहा कि मामले की सूचना राज्य के पुलिस महानिदेशक को दी गई है और गांव में ईसाइयों पर हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.
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