TaTa Birla Group: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के छोटे बेटे सुलेमान शहबाज के इंटरव्यू का एक हिस्सा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें वह शरीफ परिवार के कारोबार के बारे में बात कर रहे हैं. यूट्यूबर मुजम्मिल हसन को दिए एक इंटरव्यू में सुलेमान शहबाज ने अपने फैमिली बिजनेस का जिक्र किया और कहा, 'लोग नहीं जानते या कुछ लोग भूल जाते हैं कि असल में हम पहले बिजनेस फैमिली हैं और फिर पॉलिटिकल फैमिली हैं.'


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उन्होंने कहा, "मेरे दादाजी अमृतसर से आए थे, उन्होंने इस पारिवारिक व्यवसाय की शुरुआत की और हम इसकी जड़ें 1937 में खोजते हैं, जब पाकिस्तान का अस्तित्व भी नहीं था." उन्होंने आगे कहा,"1970 के दशक तक, इत्तिफाक ग्रुप जिसे इत्तिफाक स्टील वर्क्स और इत्तेफाक फाउंड्री भी कहा जाता था, इस क्षेत्र में सबसे बड़ा था. शहबाज शरीफ के बेटे सुलेमान शाहबाज ने भी दावा किया कि 1970 के दशक में इत्तेफाक ग्रुप इतना बड़ा था कि टाटा और बिड़ला आदि का पता तक नहीं चलता था.


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सोशल मीडिया यूजर्स इंटरव्यू के इस हिस्से को शेयर करने के साथ-साथ सुलेमान शहबाज की आलोचना भी कर रहे हैं. पत्रकार ताहिर इमरान मियां ने लिखा कि 'कोई इस जीनियस को बताए कि टाटा ग्रुप 1868 में बना था और बिड़ला समूह की स्थापना 1857 में हुई थी.



सुलेमान शरीफ के दावे पर फरहा लोधी खान ने लिखा कि 'भाई साहब टाटा की स्थापना अठारहवीं सदी में हुई थी. कायद-ए-आजम ने भी 1926 में इसके शेयर खरीदे. आदित्य बिड़ला ग्रुप की वेबसाइट भी सुलेमान शहबाज के दावे का खंडन करती नजर आती है. वेबसाइट के मुताबिक, बिड़ला ग्रुप 150 साल से ज्यादा समय से कारोबार में है. इसी तरह टाटा ग्रुप की वेबसाइट के मुताबिक उन्होंने अपना कारोबार 1868 में शुरू किया था. साल 1868 में टाटा ग्रुप की पहली ट्रेडिंग कंपनी की स्थापना जमशेदजी टाटा ने की थी, जो उस समय केवल 29 वर्ष के थे.


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