Meena Masjid Mathura: उत्तर प्रदेश के मथुरा की एक अदालत में एक अर्ज़ी दाखिल मुगल काल की एक और मीना मस्जिद को हटाने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि मस्जिद का निर्माण श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर के पूर्व की तरफ ठाकुर केशव देव जी मंदिर के एक हिस्से पर किया गया था. अखिल भारत हिंदू महासभा (ABHM) के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने भगवान कृष्ण के भक्त और उनके 'वाद मित्र' के तौर पर केस दर्ज कराया है. 


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मथुरा के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) ज्योति सिंह की अदालत में मुकदमा दर्ज किया गया है. मथुरा की अलग अलग अदालतों में कई अर्ज़ियां पहले ही दाखिल की जा चुकी हैं, जिसमें एक और महत्वपूर्ण मस्जिद, शाही मस्जिद ईदगाह को परिसर से स्थानांतरित करने की मांग की गई है, जिसमें याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह 1337 एकड़ के कोर परिसर के भीतर 'भगवान कृष्ण के जन्मस्थान' पर बनाया गया है.


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नई अर्ज़ी में, शर्मा ने ठाकुर केशव देव जी महाराज (भगवान कृष्ण का एक और नाम) का एक कट्टर अनुयायी होने का दावा किया, जो इस मामले में 'याचिकाकर्ता नंबर 1' हैं. शर्मा ने इससे पहले श्रीकृष्ण जन्मभूमि से सटी शाही मस्जिद ईदगाह को हटाने की मांग करते हुए एक मामला दायर किया था.


उन्होंने कहा, "इसका अहम मकसद ठाकुर केशव देव जी महाराज की जायदाद की हिफाज़त करना है, जो मथुरा शहर में 13.37 एकड़ जमीन के मालिक हैं, जिस पर श्री कृष्ण जन्मभूमि मौजूद है. हमने अब डीग गेट पर वृंदावन रेलवे लाइन के पास मीना मस्जिद के नाम पर देवता के मालिकाना हक वाली जमीन पर बने निर्माण को हटाने की मांग की है."


याचिकाकर्ता के वकील दीपक शर्मा ने कहा कि अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 26 अक्टूबर की तारीख तय की है.


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मथुरा में लगभग एक दर्जन मामलों में, श्री कृष्ण जन्मभूमि की तरफ से पेश अर्जी दाखिल करने वालों ने श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही मस्जिद ईदगाह के बीच 12 अक्टूबर, 1968 को हुए समझौते को चुनौती दी है, जो 1967 के मुकदमा नंबर 43 का हिस्सा है.


याचिकाकर्ताओं ने यह भी दावा किया है कि मस्जिद उसी जगह पर बनाई गई थी जहां मुगल सम्राट औरंगजेब ने एक मंदिर को तोड़ा था. शाही मस्जिद ईदगाह की मैनेजमेंट कमेटी ने इन अर्जियों पर ऐतरारज जताते हुए कहा है कि 1968 में समझौता हुआ था। इसलिए यह याचिका वर्जित है.