RSS के पदाधिकारी ने कहा, देश में मांस खाने पर पाबंदी नहीं लगाई जा सकती लेकिन....
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RSS के पदाधिकारी ने कहा, देश में मांस खाने पर पाबंदी नहीं लगाई जा सकती लेकिन....

RSS Says Eating Non Veg Not a Taboo : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी जे़ नंदकुमार (J Nanda Kumar) ने कहा कि देश में कुछ लोगों का यह मुख्य आहार है, इसपर प्रतिबंध संभव नहीं है, बस गाय के गोश्त से लोगों को परहेज करनी चाहिए. 

जे़ नंदकुमार

नई दिल्लीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी जे़ नंदकुमार ( RSS leader J Nanda Kumar) ने बुधवार को कहा है कि मांसाहार का सेवन वर्जित नहीं (Non Veg Not a Taboo) है. देश में इस पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है. हालांकि आगे उन्होंने कहा कि लोगों को गोमांस से बचना (Beef Should be avoided) चाहिए. संघ के सहयोगी संगठन प्रज्ञा प्रवाह (Pragya Pravha) के प्रमुख नंदकुमार ने यह भी कहा कि यह उनकी निजी राय है, संघ की नहीं है. नंदकुमार ने गुवाहाटी में 20 सितंबर से होने वाले देश की विविधता के उत्सव के रूप में तीन दिवसीय सम्मेलन ‘लोकमंथन’ (Lokmanthan) के आयोजन का ऐलान किया और इसी दौरान वह सवालों का जवाब दे रहे थे.

विविधता का उत्सव मनाना चाहती है संघ 
कुमार ने ‘लोकमंथन’ के आयोजन के बारे में बताया कि कि समारोह का उद्घाटन उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे जिसमें पूर्वोत्तर की संस्कृति पर खास जोर दिया जाएगा. संघ के विभिन्न सहयोगी संगठनों द्वारा आयोजित इस सम्मेलन के समापन समारोह को केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले खिताब करेंगे. नंदकुमार ने कहा, ‘‘कुछ विरोधी ताकतें मुल्क की एकता के खिलाफ मुहिम चला रही हैं. हम सम्मेलन में हमारी एकता को मजबूत करने वाली विविधता का उत्सव मनाना चाहते हैं.’’ 

आम लोग मांसाहार का सेवन करते हैं
देश में विभिन्न प्रकार के खानपान की आदतें और संस्कृति होने और संघ एवं अन्य भगवा संगठनों पर लोगों पर अपनी पसंद थोपने के इल्जामों के बारे में पूछे जाने पर नंदकुमार ने कहा, ‘‘मांसाहार किसी के लिए वर्जित नहीं है. इसे प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता.’’ उन्होंने से कहा, ‘‘आम लोग मांसाहार का सेवन करते हैं. आप यह नहीं कह सकते कि यह भारत में यह प्रतिबंधित है. जलवायु संबंधी परस्थितियों और भौगोलिक स्थितियों के मुताबिक, लोग इस तरह का भोजन करते हैं.’’ नंदकुमार ने कहा कि तटीय क्षेत्रों और पूर्वोत्तर राज्यों में लोग मांसाहार का सेवन करते हैं, और यह वहां की आम जनता के लिए मुख्य आहार है. गोमांस के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इसका सेवन नहीं करने के लिए वैज्ञानिक और पारंपरिक दोनों तरह के कारण मौजूद हैं.

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