Decision Review System, DRS Cost: अगर आप क्रिकेट प्रेमी हैं तो आपको अच्छी तरह पता होगा कि डीआरएस क्या होता है और खेल के दौरान इसका कब इस्तेमाल किया जाता है. डीआरएस की फुल फॉर्म है डिसीज़न रिव्यू सिस्टम (Decision Review System). इसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब खेल के दौरान अंपायर की तरफ से किसी खिलाड़ी को आउट करार दिया जाता है या फिर फील्डिंग कर रही टीम के कप्तान को लगता है कि खिलाड़ी आउट है लेकिन अंपायर को गलतफहमी हुई. ऐसे में DRS का उपयोग किया जाता है. 


DRS का इस्तेमाल


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

डीआरएस बल्लेबाज़ तब ले सकता है जब उसे आउट करार दिया गया हो लेकिन बल्लेबाज़ को यकीन है कि वो आउट नहीं है. ऐसी स्थिति में बल्लेबाज़ अंपायर से रिव्यू की अपील करता है. यानी जिस बॉल पर उसको आउट करार दिया गया है उसको दोबारा चेक किया जाए. वहीं बॉलिंग साइड DRS का इस्तेमाल तब किया जाता है जब गेंदबाज या फील्डिंग टीम के कप्तान को ऐसा लगे कि बल्लेबाज आउट है लेकिन अंपायर ने आउट नहीं दिया. जब क्रिकेट का आगाज़ हुआ था तब ऐसा कोई नियम नहीं था लेकिन धीरे-धीरे टेक्नोलॉजी का जमाना बढ़ रहा है. वैसे-वैसे खेल की परदर्शिता भी बढ़ रही है. 


यह भी देखिए:
Watch: खुले खेत में लड़की को प्रपोज करने आया लड़का, वीडियो देख हंसी नहीं रोक पाएंगे


डीआरएस पर कितना खर्च होता है?


DRS एक महंगी तकनीक है. अगर हम एक मैच की बात करें तो 2 कैमरा सेटअप के लिए तकरीबन 6 हजार डॉलर और वहीं अन्य चार के लिए 10 हजार डॉलर का खर्च आता है. एक खबर के मुताबिक यह डाटा हम आपको दिखा रहे हैं. कुल मिलाकर तकरीबन 16 हजार डॉलर इस DRS के लिए एक मैच पर खर्च होता है. डीआरएस बहुत महंगी तकनीक है. इसीलिए यह सुविधा सभी मैचों में नहीं देखने को मिलती.


ZEE SALAAM LIVE TV